Rajasthan News: रहस्यमयी सूखी खांसी की चपेट में जयपुर, रोज मिल रहे इतने मरीज, जानें डॉक्टर्स ने क्या कहना हैं?
By: payal trivedi | Created At: 12 February 2024 06:39 AM
राजस्थान में लोग मौसमी बीमारियों के साथ रहस्यमयी खांसी की चपेट में आने शुरू हो गए। बुखार, जुकाम, गले में खराश की चपेट में आए मरीजों को बुखार-जुकाम ठीक होने के बाद भी तेज खांसी हो रही है।
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Jaipur: राजस्थान में लोग मौसमी बीमारियों (Rajasthan News) के साथ रहस्यमयी खांसी की चपेट में आने शुरू हो गए। बुखार, जुकाम, गले में खराश की चपेट में आए मरीजों को बुखार-जुकाम ठीक होने के बाद भी तेज खांसी हो रही है। ये खांसी 15 से 20 दिनों के अंतराल में मुश्किल से ठीक हो रही है। तेज खांसी के कारण मरीजों को सीने-पसलियों में दर्द शुरू हो गया है। वहीं, कुछ को खांसने के दौरान उल्टियां भी होने लगी है। ये खांसी किस वायरस के कारण हो रही है, इसकी अभी तक पहचान नहीं हुई है।
जयपुर में लोग सूखी खांसी की चपेट में
जयपुर एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना ने बताया कि इन दिनों ओपीडी में उनके पास जितने भी बुखार-गले में खराश की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं, उनमें 10 में से 3 में ऐसा देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों में बुखार, जुकाम तो 4-5 दिन में ठीक हो जाता है। उसके बाद सूखी खांसी चलनी शुरू हो रही है। जो दो या उससे ज्यादा हफ्तों तक ठीक नहीं हो रही।
डिटेक्ट नहीं हो रहा वायरस
डॉक्टर सक्सेना ने बताया- आमतौर पर सर्दी (Rajasthan News) से गर्मी या गर्मी से सर्दी का सीजन आने पर मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों में ज्यादातर मामले H3N2 और उससे मिलते अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (URI), एडिनोवायरस, पैरा इन्फ्लूएंजा वायरस के होते हैं। अब जो मरीज मिल रहे हैं, उनमें इस तरह के वायरस डिटेक्ट नहीं हो रहे हैं।
खांसते-खांसते हो रही उल्टियां
इन मरीजों की कोविड समेत दूसरे कॉमन वायरस की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर इन कॉमन वायरस के केस में मरीज को एक से डेढ़ हफ्ते का समय ठीक होने में लगता है। अब जो केस आ रहे हैं, उसमें खांसी इतनी जबरदस्त है कि मरीजों की पसलियां और छाती में दर्द शुरू होने के साथ खांसते-खांसते उल्टियां आने लगती है।
आगे और बढ़ सकते हैं केस
डॉ. सक्सेना ने बताया कि जैसे-जैसे अब दिन (Rajasthan News) गर्म होने लगेंगे। वैसे-वैसे खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा होगा। इस बीच ऐसे खांसी वाले मरीजों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि अभी इन मरीजों को एडमिट करने की जरूरत नहीं पड़ रही, क्योंकि उनके लंग्स में भी ज्यादा बड़ा कोई इंफेक्शन डिटेक्ट नहीं हो रहा है।