कांग्रेस की 19 सितंबर से शुरु होने जा रही जन आक्रोश यात्रा में भाजपा से कांग्रेस में आए नेताओं की परीक्षा भी होगी। सदस्यता लेते समय इन्होंने जो ताकत दिखाई थी, वह सभी को यात्रा में भी दिखानी होगी। इसके आधार पर ही तय होगा कि आगे इन्हें कौन सी जिम्मेदारी दी जाएगी। प्रदर्शन ही बनेगा संगठन में आगे बढ़ने का आधार। कुछ नेता चुनाव दौड़ में भी हैं। उधर, पार्टी ने अभी केवल चंद्रभूषण सिंह बुंदेला और रघुनंदन शर्मा को प्रदेश महामंत्री बनाया है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश मे यात्राओं का दौर चल रहा है।
लोकसभा पर्यवेक्षक विधानसभा क्षेत्रों में नजर रखेंगे
चुनाव से पहले जन आक्रोश यात्रा कांग्रेस का बड़ा अभियान है। राज्य स्तर पर इसकी निगरानी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला कर रहे हैं तो लोकसभा पर्यवेक्षक विधानसभा क्षेत्रों में नजर रखेंगे। इसकी रिपोर्ट केंद्रीय संगठन को भेजी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी से जो लोग कांग्रेस में आए हैं, उन्हें अपनी ताकत दिखाने का अवसर भी इस यात्रा के द्वारा दिया जा रहा है। सभी नेताओं से कह दिया गया है कि वे अपने समर्थकों को साथ लेकर यात्रा को सफल बनाने में भूमिका निभाएं।
इन्हें मिली जिम्मेदारी
सूत्रों का कहना है कि पार्टी विंध्य क्षेत्र में जातिगत समीकरणों को देखते हुए अब पूर्व मंत्री दीपक जोशी का उपयोग करेगी। अभी यहां जन आक्रोश यात्रा निकालने की जिम्मेदारी पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को दी गई है। विंध्य क्षेत्र में ब्राह्मण भी कई विधानसभा क्षेत्रों में प्रभावी भूमिका में है। भाजपा से पूर्व विधायक अभय मिश्रा और नीलम मिश्रा कांग्रेस छोड़कर फिर भाजपा में आ चुके हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी और सुंदरलाल तिवारी के निधन के बाद कांग्रेस के पास विंध्य में कोई बड़ा ब्राह्मण चेहरा नहीं है।
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