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मालवा निमाड़ में उम्मीद से कम वोटिंग ने बढ़ाई दोनों दलों की चिंता, 13 सीटों पर बीते चुनाव से भी कम

By: Ramakant Shukla | Created At: 20 November 2023 10:27 AM


विधानसभा चुनाव 2023 के मतदान के अंतिम आंकड़े चुनाव आयोग द्वारा जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में 2533 उम्मीदवारों का भाग्य वोटिंग मशीनों में बंद हो गया है, बस इंतजार है तो 3 दिसंबर का। उस दिन सभी के भाग्य का फैसला हो जाएगा।

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विधानसभा चुनाव 2023 के मतदान के अंतिम आंकड़े चुनाव आयोग द्वारा जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में 2533 उम्मीदवारों का भाग्य वोटिंग मशीनों में बंद हो गया है, बस इंतजार है तो 3 दिसंबर का। उस दिन सभी के भाग्य का फैसला हो जाएगा। मालवा-निमाड़ में विधानसभा की 66 सीटें हैं। इसमें से 22 अनुसूचित जनजाति, 9 अनुसूचित जाति और 35 सामान्य के लिए आरक्षित हैं। सभी दलों के नेताओं ने मालवा निमाड़ में चुनावी सभाओं को सम्बोधित किया है। मालवा-निमाड़ में हुए मतदान की बात करें तो वर्ष 2018 के मुकाबले मात्र 0.47 प्रतिशत मतदान ज्यादा हुआ है, जबकि 2013 के मुकाबले 2018 में 3.39 प्रतिशत मतदान अधिक हुआ था।

13 सीटों पर बीते चुनाव से भी कम

मालवा निमाड़ में मतदान के प्रति जागरुकता या मतदाताओं की बेरुखी एक चिंता का विषय है। मालवा निमाड़ की 66 सीटों पर 2018 के मुकाबले सबसे कम मतदान बड़वानी में हुआ, जो वर्ष 2018 से 5.25 प्रतिशत कम है, जबकि 2018 में यह सीट भाजपा के पास थी। पिछले विधानसभा चुनाव में हुए मतदान प्रतिशत करीब 13 स्थानों पर इस बार मतदान कम हुआ है, मांधाता, खंडवा, पंधाना, बड़वाह, पेटलावद, गंधवानी, मनावर, बदनावर, महू, जावद, देवास, खातेगांव और बागली में कम मतदान में शामिल है। इन 13 कम मतदान सीटों पर 7 भाजपा और 6 कांग्रेस के पास थी, जाहिर है दोनों के पास सीटों का सामान्य अंतर है। इलाके की 26 सीटों पर पिछले चुनाव के मुकाबले एक प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। इसमें से पिछले चुनाव में 13 स्थान कांग्रेस, 12 भाजपा और 1 निर्दलीय के पास था। इस तरह इसमें भी कोई बड़ा अंतर नहीं है। अनुसचित जनजाति की सीटों पर 2018 के मुकाबले इस वर्ष 0.03 प्रतिशत मतदान कम हुआ। इसी तरह वर्ष 2013 के मुकाबले 2018 में इन अजजा सीटों पर 5.15 प्रतिशत मतदान अधिक हुआ था। अनुसचित जाति की सीटों पर भी 2018 के मुकाबले 0. 68 प्रतिशत कम मतदान दर्ज किया गया, जबकि 2013 के मुकाबले 2018 में 2.98 प्रतिशत अधिक मतदान दर्ज किया था। जोबट में हमेशा कम मतदान होता रहा है पर इस बार 2018 के मुकाबले 1.53 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया है। सैलाना में मालवा का सर्वाधिक 90.1 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड दर्ज किया गया। मालवा निमाड़ में मतदान सैलाना के बाद थांदला और रतलाम ग्रामीण में हुआ। सैलाना में महिलाओं ने सर्वाधिक मतदान किया। थांदला और जावद महिला मतदान में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। मालवा निमाड़ में कुछ स्थानों पर पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाता की संख्या अधिक थी, वहां भी महिलाओं ने कम मतदान किया। अलीराजपुर में 3.07, पानसेमल में 3.35, कुक्षी में 3.94 ,पेटलावद में 1..83 और झाबुआ में 2.32 प्रतिशत महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले कम मतदान किया है। मालवा निमाड़ में मतदान का प्रतिशत कम होना और प्रदेश में बढ़ना निश्चय ही उम्मीदवारों के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। प्रदेश में सत्ता प्राप्ति के लिए मालवा निमाड़ की अहम भूमिका रहती है।