सनातन धर्म में अनेक व्रत त्यौहार को धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन अमावस्या और पूर्णिमा के दिन लोग विशेष नियमों का पालन करते हैं। आज मौनी अमावस्या है। इस दिन व्यक्ति मौन रहकर ईश्वर की प्रार्थना करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या का खास महत्व दिया होता है। इस दिन सभी व्रत रखकर भगवान की पूजा-पाठ करते हैं। मौनी अमावस्या के दिन खास पूजा करने से अनेक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं। यह योग सुबह 7:05 से लेकर रात को 11:29 तक रहेगा। इस अमावस्या के दिन व्रत करने से अपार धन की प्राप्ति होती है। साथ ही पूर्वज प्रसन्न होकर जीवन में सफल और संपन्न होने का आशीर्वाद देते हैं।
मौन व्रत रखने का महत्व
ज्योतिष में चंद्र देव मन के कारक देव माने जाते हैं। मौनी अमावस्या के दिन चंद्र देव उदय नहीं होते हैं और न ही आकाश में इस दिन दिखाई देते हैं। चंद्रमा का मन पर अधिपत होने के नाते ऐसे में मन की स्थिति बिगड़ सकती है। मान्यता है कि ऐसे में मन को एकाग्र और नियंत्रित रखने के लिए इस दिन मौन व्रत रहकर अपने मन को नियंत्रित करा जा सकता है। ऐसा करने से मन शांत रहता है।
वाणी में आती है शुद्धता
मधुर वाणी से व्यक्ति की पहचान होती है। अपनी वाणी से मनुष्य विचारों और भावनाओं को व्यक्त करता है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन जो लोग मौन रहते हैं और इस दिन कुछ भी नहीं बोलते हैं। ऐसा करने से उनकी वाणी की शुद्धि होती है और समाज में मान-प्रतिष्ठा बड़ती है। साथ ही वाणी के प्रभाव से हर कार्य में सफलता भी पाई जा सकती है।
मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग
मौन रहने से व्यक्ति का मन शांत होता है और आध्यात्मिक प्राप्ति के लिए शांत मन से ध्यान लगाने में आसानी होती है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार मौन व्रत रखने से व्यक्ति आत्म साक्षात्कार कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है और उसे मोक्ष का मार्ग भी मिल जाता है।
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