मध्यप्रदेश में गुलाबी ठंड का असर है। ज्यादातर शहरों में पारा 17 डिग्री के नीचे आ गया है। हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा है। मंगलवार-बुधवार की रात में यहां रात का टेम्प्रेचर 12 डिग्री तक पहुंच गया।
मध्यप्रदेश में गुलाबी ठंड का असर है। ज्यादातर शहरों में पारा 17 डिग्री के नीचे आ गया है। हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा है। मंगलवार-बुधवार की रात में यहां रात का टेम्प्रेचर 12 डिग्री तक पहुंच गया। वहीं, बैतूल, रायसेन, राजगढ़, छिंदवाड़ा, मंडला, रीवा और मलांजखंड में तापमान 15 डिग्री से कम है। अगले 5 दिन तक मौसम ऐसा ही रहेगा, जबकि नवंबर के पहले सप्ताह से पारा और लुढ़केगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रदेश के चट्टानी और जंगल वाले इलाकों में ठंड का असर ज्यादा है। हवा की दिशा बदलने से रात के तापमान में गिरावट आई है। सुबह और शाम ठंड का असर ज्यादा है।
मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने की संभावना
भोपाल में 16 डिग्री न्यूनतम रहा तापमान। प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं। वातावरण में नमी नहीं रहने के कारण मौसम पूरी तरह शुष्क हैं। तीन-चार दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोप) एक्टिव है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के ऊपर भी एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस है। इनका असर प्रदेश में नहीं रहेगा। इससे बारिश होने का अनुमान भी नहीं है। हालांकि, रात के पारे में एक डिग्री तक की गिरावट हो सकती है। तेज सर्दी नवंबर में ही पड़ेगी।
अक्टूबर में तीनों मौसम का ट्रेंड है
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार, अक्टूबर में तीनों मौसम का ट्रेंड है। हर साल बारिश, गुलाबी ठंड और दिन में गर्मी का असर रहता है। इस बार भी यही ट्रेंड है। 15 अक्टूबर के पहले तक भोपाल, ग्वालियर, दमोह, जबलपुर, उज्जैन समेत कई शहरों में अक्टूबर में ऐसी गर्मी पड़ी कि जैसे मार्च-अप्रैल का महीना हो। कई जिलों में पारा 37 डिग्री से ज्यादा ही रहा। अब पारा औसत 32 डिग्री तक आ गया है।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव नहीं
इसके अलावा अक्टूबर के शुरुआती सप्ताह में गुलाबी ठंड का असर भी रहा। हालांकि, वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव नहीं होने, राजस्थान से सूखी हवा के आने और धूप की तीव्रता 20% तक बढ़ने से गुलाबी ठंड का असर कम हो गया, जो 23 अक्टूबर से फिर बढ़ गया। बीच में वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से बारिश और बादल छाए रहे। इस तरह अक्टूबर में बारिश का ट्रेंड भी बरकरार रहा।