कमलनाथ का एक और वचन, मध्यप्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज अधिनियम को मूल भावना के अनुरूप अक्षरशः लागू करेगी
प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। बीजेपी कांग्रेस दोनों ही दल सरकार बनाने के लिए जोर-शोर से प्रचार प्रसार कर रहे है।
1- मध्यप्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज अधिनियम को मूल भावना के अनुरूप अक्षरश लागू करेगी।
2- ग्राम पंचायत सचिवों एवं रोजगार सहायकों की मांग पर न्याय करेंगे तथा ग्राम रोजगार सहायक को सहायक पंचायत सचिव का दर्जा देंगे। इनको नियमित वेतनमान से जोड़ेंगे एवं अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ देंगे।
3- जनता की सरकार - जनता ही सरकार के सिद्धांत पर चलकर ग्राम सभाओं एवं ग्राम पंचायतों को पुनः अधिकार सम्पन्न बनायेंगे।
4- सरपंचों के सम्मान को सुनिश्चित करेंगे एवं उनकी गरिमा को कम करने वाले नियमों को बदलेंगे।
5- सरपंच निर्वाचित जनप्रतिनिधि होते हैं अतएव उनके विरूद्ध की गई शिकायतों के निराकरण की नई व्यवस्था करेंगे।
6- ग्राम पंचायतों में एक सचिव और एक सहायक सचिव की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
7- जिला पंचायतों एवं जनपद पंचायतों में नगरीय निकायों की तरह एल्डरमेन नियुक्त करेंगे।
8- 15 वें वित्त आयोग की राशि नवीन जनसंख्या अनुसार ग्राम पंचायतों को मिले, इस हेतु प्रस्ताव करेंगे।
9- वित्त आयोग की राशि में जिला एवं जनपद सदस्यों को विकास कार्य के लिए अलग से मिले, इस हेतु प्रस्ताव करेंगे।
10- पंचायत स्तरीय पदों के लिए पृथक से स्थानांतरण नीति बनायेंगे। जिला / जनपद पंचायत को अधिकार देंगे। अधिकार सम्पन्न पंचायतों से अधिकार सम्पन्न आमजन होगा और खुशहाल मध्यप्रदेश बनेगा। ग्रेस आएगी, खुशहाली लाएगी।