मोरक्को के मराकेश के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में शुक्रवार देर रात 6.8 तीव्रता के जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए जिसमें लगभग 132 लोगों की मौत होने की खबर थी। हालांकि, अब जानकारी के अनुसार मौतों का आकंड़ा 296 पहुंच चुका है। इस बात की पुष्टि खुद मोरक्को के आंतरिक मंत्रालय ने की है। इसके अलावा बात यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने दी। इस भूकंप के झटके का एपीसेंटर मारकेश से 71 किलोमीटर दूर 18.5 किलोमीटर की गहराई पर था। मोरक्को में भूकंप के चलते हुई तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है।
सहायता का भरोसा
पीएम मोदी ने मोरक्को में भूकंप के चलते हुई तबाही पर हर संभव सहायता का भरोसा दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मोरक्को में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि से अत्यंत दुख हुआ। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा, उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करते हुए उन्होंने कहा, भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
2004 में आया था भकंप
जानकारी के अनुसार, 2004 में पूर्वोत्तर मोरक्को के अल होसेइमा में आए भूकंप में कम से कम 628 लोग मारे गए थे और 926 घायल हुए थे। इसके पहले 1980 में मोरक्को के पड़ोसी अल्जीरिया में 7.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इसमें 2500 लोग मारे गए थे और करीब 3 लाख लोग बेघर हो गए थे।
क्यो आता है भूकंप
पृथ्वी के अंदर टेक्टॉनिक प्लेटों के आपस में टकराने की वजह से भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स मौजूद होती हैं, जो हमेशा घूमती रहती है। लेकिन जब कभी ये प्लेटें आपस में टकराती है तो एक फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है, जिससे प्लेटों के सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनता है। इसकी वजह से प्लेट्स टूटने लगती हैं. इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिससे धरती हिलती है और इसे हम भूकंप कहते हैं.
Read More: सेंगोल भेंट करने वाले पुजारी ने कहा - '2024 में फिर PM बनें नरेंद्र मोदी'