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महाकाल के जटाधारी स्वरूप में शीष से निकली माँ गंगा, त्रिपुंड, ॐ और चंद्र से हुआ बाबा का श्रृंगार

By: Sanjay Purohit | Created At: 27 May 2024 08:33 AM


बाबा महाकाल के जटाधारी स्वरूप में शीष से माँ गंगा निकलीं। इसके साथ जी त्रिपुंड, ॐ और चन्द्र से भी श्रृंगार किया गया। चतुर्थी तिथि और सोमवार के संयोग पर भस्मआरती में बाबा महाकाल का एक अलग ही स्वरूप देखने को मिला।

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विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सोमवार तड़के भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट मुंड माला धारण करवाई गई।

आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि आज चतुर्थी तिथि व सोमवार के संयोग पर भस्मआरती में बाबा महाकाल का एक अलग ही स्वरूप देखने को मिला, जिसमें बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को जटाधारी स्वरूप में श्रृंगार किया गया था। इस श्रृंगार में बाबा महाकाल के शीष से माँ गंगा निकली इसके साथ जी त्रिपुंड, ॐ और चन्द्र से भी श्रृंगार किया गया और बाद में कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई और भोग भी लगाया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।