सभी इस्लामिक देशों में शिक्षा से लेकर पहनने-ओढ़ने व धर्म से संबंधित कई तरह के कड़े नियम लागू हैं । इनमें महिलाओं का हिजाब पहनना, पुरुषों का दाढ़ी रखना और कुर्ता पहनना जैसे नियम भी होते हैं लेकिन दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां 96% मुस्लिम आबादी होने के बावजूद वहां मुस्लिमों की तरह पारंपरिक दाढ़ी रखना और हिजाब पहनने पर बैन है । इस देश का नाम ताजिकिस्तान है जहां दाढ़ी रखना और हिजाब पर रोक है। वैसे तो ताजिकिस्तान संवैधानिक रूप से धर्मनिरपेक्ष है लेकिन सबसे अच्छी बात ये है कि धर्म की स्वतंत्रता यहां के संविधान में है। ताजिकिस्तान का इतिहास समृद्ध है और यहां लगभग तीन दशकों से राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन का शासन है।
अमेरिका की इंटरनेशनल धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2024 के मुताबिक धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर ताजिकिस्तान सरकार पहले से ही निराशाजनक रिकॉर्ड लगातार खराब होता जा रहा है। राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन का शासन अपनी दमनकारी नीतियों को बनाए रखता है। यह सभी धर्मों के लोगों की ओर से सार्वजनिक धार्मिकता के प्रदर्शन को दबाता है और अल्पसंख्यक समुदायों पर अत्याचार करता है। शादी और अंत्येष्टि भोज पर प्रतिबंध है, साथ ही दाढ़ी रखने और हिजाब पर भी प्रतिबंध है। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में दुशानबे में इस्लामिक किताबों की दुकानों को जबरन बंद कर दिया गया था।