Loksabha Election: भीलवाड़ा का टिकट बदलकर सीपी जोशी को देने की तैयारी, ब्राह्मण चेहरे को टिकट नहीं देने पर शुरू हुआ विवाद
By: payal trivedi | Created At: 29 March 2024 10:40 AM
राजसमंद उम्मीदवार सुदर्शन सिंह रावत के टिकट वापस करने और एक भी सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार नहीं उतारने से उठे विवाद के बाद अब कांग्रेस ने नए सिरे से एक्सरसाइज शुरू कर दी है।
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Jaipur: राजसमंद उम्मीदवार सुदर्शन सिंह रावत के टिकट (Loksabha Election) वापस करने और एक भी सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार नहीं उतारने से उठे विवाद के बाद अब कांग्रेस ने नए सिरे से एक्सरसाइज शुरू कर दी है। अब कांग्रेस भीलवाड़ा से पूर्व स्पीकर सीपी जोशी को उम्मीदवार बनाने की तैयारी कर रही है। भीलवाड़ा से मौजूदा कांग्रेस उम्मीदवार दामोदर गुर्जर को राजसमंद शिफ्ट करने का प्रस्ताव है। सीपी जोशी के नाम पर जल्द मुहर लगने की संभावना है।
इस कारण शुरू हुआ विवाद
डॉ. सीपी जोशी 2009 से 2014 तक भीलवाड़ा से सांसद रह चुके हैं। इसलिए उनके नाम पर फिर से विचार किया गया है। प्रदेश में इस बार कांग्रेस के एक भी सीट पर ब्राह्मण चेहरे को टिकट नहीं देने के बाद विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस रणनीतिकारों ने डैमेज कंट्रोल की जरूरत बताते हुए यह फॉर्मूला निकाला कि पार्टी के सीनियर नेता सीपी जोशी को चुनाव लड़ने के लिए मनाया जाए। पहले सीपी जोशी चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे। केंद्र और राज्य के सीनियर नेताओं के कहने के बाद जोशी तैयार हो गए हैं।
राजसमंद से पिछली बार भी गुर्जर को टिकट दिया था
पार्टी ने भीलवाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार दामोदर गुर्जर (Loksabha Election) को राजसमंद से टिकट देने का प्रस्ताव दिया है। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने इसके पीछे तर्क दिया है कि दामोदर गुर्जर की उम्मीदवारी छीनकर उन्हें दूसरी जगह से टिकट नहीं दिया तो गुर्जर वोटर्स नाराज हो सकते हैं। कोई नाराज नहीं हो इसीलिए शिफ्टिंग फॉर्मुले के तहत दामोदर गुर्जर को भीलवाड़ा की जगह राजसमंद से लड़ाने का प्रस्ताव है। इससे गुर्जर वोटर्स भी नाराज नहीं होंगे। राजसमंद से पिछली बार कांग्रेस ने गुर्जर नेता देवकीनंदन काका को टिकट दिया था। इसी फॉर्मूले के हिसाब से दामोदर गुर्जर को राजसमंद शिफ्ट करने की तैयारी है।
भीलवाड़ा, राजसमंद और बांसवाड़ा पर आज-कल में फैसला
भीलवाड़ा और राजसमंद सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर जल्द फैसला होने की संभावना है। कांग्रेस कभी भी इन सीटों पर नए सिरे से उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। बांसवाड़ा सीट गठबंधन में छोड़ने या उम्मीदवार उतारने पर भी फैसला बाकी है। इसका फैसला भी भीलवाड़ा, राजसमंद के साथ होने की संभावना है।
कांग्रेस ने इस बार एक भी ब्राह्मण उम्मीदवार नहीं उतारा
कांग्रेस ने इस बार एक भी सीट पर ब्राह्मण चेहरे को उम्मीदवार नहीं बनाया। इसे लेकर ब्राह्मण संगठनों और कांग्रेस के ब्राह्मण नेताओं ने नाराजगी जताई थी। कांग्रेस के पास ब्राह्मण समाज से कई वरिष्ठ नेता हैं। कांग्रेस हाईकमान तक यह मामला पहुंचा था। कांग्रेस के रणनीतिकारों ने इस मामले में डैमेज कंट्रोल करने का फॉर्मूला सुझाया। इसके तहत सीपी जोशी को चुनाव लड़वाने का सुझाव दिया। इसके पीछे तर्क यह था कि सीपी जोशी जैसे वरिष्ठ नेता को टिकट देने से ब्राह्मण समाज में बना नरेटिव बदलेगा। इससे डैमेज कंट्रोल में मदद मिलेगी।
सीपी जोशी तैयार नहीं थे, वरिष्ठ नेताओं के समझाने पर चुनाव लड़ने को तैयार हुए
दरअसल, सीपी जोशी पहले चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे। सुदर्शन सिंह रावत के टिकट वापस करने और एक भी ब्राह्मण चेहरे को टिकट नहीं देने से गलत मैसेज जाता देख कांग्रेस ने रणनीति बदली। सीपी जोशी का नाम तो सबने सुझा दिया, लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मनाना भी जरूरी था। इसके लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। इसमें दिल्ली से भी कुछ वरिष्ठ नेताओं ने सीपी जोशी को मनाने का प्रयास किया। इसके बाद सीपी जोशी को टिकट देने का प्रस्ताव हाईकमान को भेजा गया है।