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एमपी हाईकोर्ट ने 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वालों के लिए मतदान अनिवार्य वाली याचिका पर की सुनवाई

By: Richa Gupta | Created At: 11 May 2024 06:10 AM


देश में एक तरफ लोकसभा चुनाव चल रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में मतदान अनिवार्य करने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई।

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देश में एक तरफ लोकसभा चुनाव चल रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में मतदान अनिवार्य करने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि प्रत्येक नागरिक, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, वह मतदान का अधिकारी है। राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय और स्थानीय चुनावों में मतदान अनिवार्य किया जाना चाहिए। हालांकि, दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने मतदान अनिवार्य किए जाने की मांग संबंधी जनहित याचिका निरस्त कर दी। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने इस मामले में अपने आदेश में साफ किया कि मतदान करना है या नहीं? यह नागरिकों की स्वतंत्रता का विषय है।

हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

इस संबंध कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने अभ्यावेदन का जवाब आने की प्रतीक्षा किए बिना जल्दबाजी में हाई कोर्ट आने की गलती की है। इसलिए अपरिपक्व पाते हुए जनहित याचिका निरस्त की जाती है। हाईकोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता अभ्यावेदन के जरिए अपनी मांग उठा सकता है। बता दें, जबलपुर निवासी डॉ मुमताज अहमद खान की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा, अंजना श्रीवास्तव और अभिमन्यु सिंह ने पक्ष रखा। इस दैरान उन्होंने दलील दी कि प्रत्येक नागरिक, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, वह मतदान का अधिकारी है। लिए राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय और स्थानीय चुनावों में मतदान अनिवार्य किया जाना चाहिए।

रिटायर्ड अधिकारी को प्रभार देने पर रोक

एक अन्य मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शासन से पूछा है कि किस नियम के तहत एक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री शिरीष मिश्रा को जल संसाधन विभाग में इंजीनियर इन चीफ का प्रभार दिया गया है? हाईकोर्ट ने शिरीष मिश्रा को ईईसी और चीफ इंजीनियर चार्ज देने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी और शिरीष मिश्रा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।