मध्यप्रदेश में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मानसून द्रोणिका भी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इसके अतिरिक्त पूर्व-पश्चिमी द्रोणिका भी मध्य प्रदेश एवं उसके आसपास सक्रिय है। इन मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। शनिवार को इंदौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, सागर, जबलपुर संभाग के जिलों में कई स्थानों पर झमाझम वर्षा होगी। शेष संभाग के जिलों में भी रुक-रुककर बौछारें पड़ेंगी।
मध्यप्रदेश में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। मानसून द्रोणिका भी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इसके अतिरिक्त पूर्व-पश्चिमी द्रोणिका भी मध्य प्रदेश एवं उसके आसपास सक्रिय है। इन मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। शनिवार को इंदौर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, सागर, जबलपुर संभाग के जिलों में कई स्थानों पर झमाझम वर्षा होगी। शेष संभाग के जिलों में भी रुक-रुककर बौछारें पड़ेंगी।
विभिन्न जिलों के लिए चेतावनी जारी
आरेंज अलर्ट
- खरगोन, बड़वानी, जबलपुर, कटनी, इंदौर एवं देवास जिले में अति भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
यलो अलर्ट
- विदिशा, सीहोर, रायसेन, भोपाल, बुरहानपुर, खंडवा, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, रतलाम, उज्जैन, गुना, दतिया, डिंडौरी, सतना, सीधी, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सागर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में मध्यम से भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
क्या है अगला अनुमान
प्रदेश के 24 जिलों में 20 से लेकर 39 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है। दक्षिण-पूर्वी मप्र पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, रायसेन, पेंड्रा रोड, जमशेदपुर, दीघा से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। पूर्व-पश्चिमी द्रोणिका भी मध्य प्रदेश और उससे लगे विदर्भ पर बनी हुई है। इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से वर्षा हो रही है। तीन मौसम प्रणालियों के सक्रिय रहने से पूरे प्रदेश में अच्छी वर्षा हो रही है। वर्षा का सिलसिला अभी तीन-चार दिन तक बने रहने की संभावना है।