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Gravel Mining E-Auction: राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज की बजरी खनन ई-नीलामी को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं, अब नए सिरे से होगी निलामी

By: payal trivedi | Created At: 14 May 2024 03:32 AM


राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सत्य स्वरूप सिंह जादौन की ओर से पेश याचिकाओं को खारिज करते हुए राज्य सरकार को राहत दी है।

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Jaipur: राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव (Gravel Mining E-Auction) व जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सत्य स्वरूप सिंह जादौन की ओर से पेश याचिकाओं को खारिज करते हुए राज्य सरकार को राहत दी है। कोर्ट ने एकलपीठ की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें बजरी खनन की ई-नीलामी पर नोटिस जारी करते हुए रोक लगा दी गई थी। दरअसल, पूर्व में हाई कोर्ट जस्टिस डॉ नुपूर भाटी की एकलपीठ में करौली निवासी याचिकाकर्ता सत्य स्वरूप सिंह जादौन पर नोटिस जारी करते हुए ई -नीलामी पर रोक लगा दी थी, जिसे राजस्थान हाईकोर्ट खंडपीठ में चुनौती दी गई थी।

सत्य स्वरूप की 3 याचिकाओं को कोर्ट ने किया निस्तारित

हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर राज्य सरकार (Gravel Mining E-Auction) के जवाब के बाद ई- नीलामी पर रोक के आदेश को स्थगित करते हुए रोक को हटा दिया था। हाई कोर्ट ने सत्य स्वरुप सिंह जादौन द्वारा दायर 3 याचिकाओं को निस्तारित करते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। इनमें टोंक, भीलवाड़ा, राजसमंद, नागौर, अजमेर, सिरोही जिले की बजरी खानों की नीलामी शामिल थी।

अब नए सिरे से होगी निलामी

राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा याचिकाओं के निस्तारण के साथ ही अब छह जिलों में बजरी खनन के लिए प्रस्तावित 22 खनन पट्टों की नीलामी या अग्रिम कार्रवाई की राह प्रशस्त हो गई है। इससे अब नए सिरे से नीलामी होने से इन क्षेत्रों में बजरी का वैध खनन हो सकेगा। गौरतलब है माइनिंग विभाग की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता महावीर विश्नोई व उनके सहयोगी गौरव विश्नोई ने प्रभावी तरीके से पैरवी करते हुए सरकार का पक्ष रखा। विभाग की ओर से अतिरिक्त निदेशक माइंस जयपुर बीएस सोढ़ा इन प्रकरणों में प्रभारी अधिकारी रहे।