भारत की अध्यक्षता में G20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक रविवार को संपन्न हो गया। इसके बाद मंगलवार (12 सितंबर) को पीएम नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय और PMO के उन अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की, जिन्होंने इस सम्मेलन के लिए दिन रात मेहनत की थी। नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में स्थित विदेश मंत्रालय में पहुंचे पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी थे। पीएम ने शिखर सम्मेलन की सफलता में अधिकारियों की कड़ी मेहनत के लिए उनकी सराहना की और अनुभवों के बारे में चर्चा की।
अधिकारियों ने की थी 300 से अधिक बैठकें
G20 के लिए शेरपा अमिताभ कांत और चीफ को-ऑर्डिनेटर हर्ष श्रींगला के मार्गदर्शन में अगस्त महीने की शुरुआत से ही विदेश मंत्रालय के करीब 114 प्रमुख अधिकारियों को तैनात कर दिया गया था। अन्य डिपार्टमेंट के भी 140 युवा अधिकारियों को आयोजन की सफलता के लिए तैनात किया गया था। इसमें शामिल हुए विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के बीच रूस-यूक्रेन वार समेत अन्य वैश्विक मुद्दों पर सर्वसम्मति बनाने के लिए इन अधिकारियों ने करीब 300 से अधिक बैठकें की थी। साझा बयान पर आम सहमति बनाने के लिए इन अधिकारियों ने लगातार बातचीत की थी। करीब 200 घंटे से अधिक समय तक चलीं लगातार बैठकों और अधिकारियों की मेहनत का ही परिणाम था कि 15 ड्राफ्ट्स तैयार कर संयुक्त बयान जारी किए गए।
साझा ड्राफ्ट तैयार करने में इन सदस्यों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
अमिताभ कांत बताते हैं कि विदेश मंत्रालय के सीनियर अधिकारी अभय ठाकुर, नागराज नायडू, आशीष सिन्हा और ईनम गंभीर सहित उनकी टीम के सदस्यों ने साझा ड्राफ्ट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गौरतलब है कि भारत की अध्यक्षता में संपन्न हुए G20 शिखर सम्मेलन की सराहना पूरी दुनिया में हो रही है। इसमें शामिल हुए राष्ट्रध्यक्षों के साझा बयान की वजह से एक वैश्विक संदेश गया है जो विश्व पटल पर भारत की मजबूती को दिखने वाला रहा है।
Read More: पवार गुट में फिर तनातनी, अजित गुट का X अकाउंट हुआ सस्पेंड