महिदपुर विधानसभा सीट पर होगा त्रिकोणीय मुकाबला, भाजपा के बागी ने बढ़ाई मुश्किलें
By: Ramakant Shukla | Created At: 04 November 2023 02:32 PM
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में दो नवंबर नाम वापसी की आखिरी तारीख थी। उज्जैन जिले की महिदपुर विधानसभा त्रिकोणीय मुकाबले के लिए तैयार हैं। जिला पंचायत सदस्य और भाजपा के बागी प्रत्याशी प्रतापसिंह आर्य ने पार्टी के प्रत्याशी बहादुरसिंह चौहान के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में दो नवंबर नाम वापसी की आखिरी तारीख थी। उज्जैन जिले की महिदपुर विधानसभा त्रिकोणीय मुकाबले के लिए तैयार हैं। जिला पंचायत सदस्य और भाजपा के बागी प्रत्याशी प्रतापसिंह आर्य ने पार्टी के प्रत्याशी बहादुरसिंह चौहान के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है।
महिदपुर विधानसभा में सोंधिया समाज के 40-50 हजार मतदाता हैं। इन्हीं के बल पर बहादुरसिंह चौहान महिदपुर से जीत दर्ज करते आए हैं। इस बार उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी प्रताप सिंह आर्य चुनौती दे रहे हैं। दो दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी महिदपुर आए थे। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह माने नहीं।
निर्दलीय तथा भाजपा के बागी प्रतापसिंह आर्य की नामांकन रैली में जो जनसभा हुई उसमें विधायक बहादुरसिंह चौहान के खिलाफ जमकर जहर उगला। बात लड़ाई-झगड़े की हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान झगड़े की बातें सामने आ रही हैं। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दे रहे हैं। कभी भी इस विधानसभा चुनाव का माहौल खराब हो सकता है। यह मात्र राजनैतिक पद पाने की दौड़ नहीं है। चौहान पर कार्यकर्ताओं पर प्रताड़ित करने के आरोप लग रहे हैं। प्रतापसिंह आर्य पर आईपीसी की धारा-307 के तहत केस हुआ। जेल भी गए। अगस्त में जेल से बाहर आए तो भारी भीड़ स्वागत करने पहुंची थी। तब ही स्पष्ट हो गया था कि वह चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने भाजपा से टिकट मांगा, लेकिन बाद में फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।
सोंधिया समाज के मतदाताओं का रुख तय करेगा नतीजा
भाजपा प्रत्याशी बहादुरसिंह चौहान के पक्ष में सोंधिया समाज रहा है। अब प्रताप सिंह आर्य की मौजूदगी से यह वोट बंट जाएंगे। आर्य की नामांकन रैली में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखऩे को मिला। आरोप है कि विधायक ने आर्य के स्टोन क्रेशर प्लांट पर भी 12 करोड़ रुपये की रिकवरी निकलवा दी है। ऐसे में आपसी रंजिश बढ़ गई है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को यहां फूट का सामना करना पड़ा था। इस बार भाजपा का बागी मैदान में है।