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इंसानों में Bird Flu का दूसरा मामला आया सामने, जानें क्या है यह फ्लू और इसके लक्षण

By: payal trivedi | Created At: 04 April 2024 10:00 AM


एवियन फ्लू या बर्ड फ्लू अब चिंता का विषय बनता जा रहा है। दरअसल, हाल ही में अमेरिका में इंसानों में इसके दूसरे मामले की पुष्टि हुई है, जिसने हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है।

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New Delhi: एवियन फ्लू या बर्ड फ्लू अब चिंता का विषय बनता जा रहा है। दरअसल, हाल ही में अमेरिका में इंसानों में इसके दूसरे मामले की पुष्टि हुई है, जिसने हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है। टेक्सास के अधिकारियों के मुताबिक राज्य में एक व्यक्ति संक्रमित गायों के निकट संपर्क की वजह से फ्लू की चपेट में आ गया। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, मंगलवार तक, देश के पांच राज्यों - इडाहो, कैनसस, मिशिगन, न्यू मैक्सिको और टेक्सास में यह फ्लू गायों में पाया गया था।

अमेरिका में दूसरे मानव मामले की पुष्टि

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) ने पुष्टि की कि टेक्सास में एक डेयरी कर्मचारी एवियन इन्फ्लूएंजा से संक्रमित पाया गया। इंसानों में H5N1 सब-टाइप एवियन इन्फ्लूएंजा के मामले, जिन्हें आमतौर पर H5N1 बर्ड फ्लू के रूप में जाना जाता है, दुर्लभ होते हैं। सीडीसी के मुताबिक यह अमेरिका में रिपोर्ट किया गया बर्ड फ्लू का दूसरा मामला है। इसका पहला केस साल 2022 में कोलोराडो में सामने आया था।

क्या है बर्ड फ्लू?

कुछ फ्लू वायरस मुख्य रूप से मनुष्यों को प्रभावित करते हैं, जबकि कुछ अन्य मुख्य रूप से जानवरों में पाए जाते हैं। एवियन वायरस आमतौर पर बत्तख और गीज जैसे वाइल्स वॉटर बर्ड में पाए जाते हैं और फिर मुर्गियों जैसी पालतू बर्ड में फैल जाते हैं। मौजूदा समय में चिंता का विषय बर्ड फ्लू वायरस टाइप ए H5N1 है, जिसे पहली बार साल 1959 में खोजा गया था। कई वायरस की तरह, इसमें भी समय के कई बदलाव हुए और फिर इसके नए स्ट्रेन्स सामने आए।

बर्ड फ्लू के लक्षण

बात करें इसके लक्षणों की, तो बर्ड फ्लू के लक्षण अन्य तरह के फ्लू के ही समान होते हैं। इसमें खांसी, शरीर में दर्द और बुखार आदि शामिल हैं। वहीं, कुछ लोगों में ध्यान देने योग्य लक्षण दिखाई नहीं देते हैं,। जबकि दूसरों को गंभीर निमोनिया का अनुभव हो सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।

बर्ड फ्लू कैसे फैलता है?

बर्ड फ्लू मुख्य रूप से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से फैलता है। इंसानों में इसके ज्यादातर मामले किसी व्यक्ति के बीमार या मृत संक्रमित जानवरों के असुरक्षित संपर्क में आने के बाद सामने आए हैं।