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Gyanvapi Case में कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, ह‍िंदू पक्ष को व्यासजी के तहखाने में पूजा की मिली अनुमति

By: payal trivedi | Created At: 31 January 2024 11:23 AM


ज्ञानवापी केस में बुधवार को ह‍िंदू पक्ष में फैसला आया है। कोर्ट ने ह‍िंदू पक्ष को व्यास जी के तहखाना में पूजा-पाठ करने का अधि‍कार दे द‍िया है

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प्रयागराज: ज्ञानवापी केस (Gyanvapi Case) में बुधवार को ह‍िंदू पक्ष में फैसला आया है। कोर्ट ने ह‍िंदू पक्ष को व्यास जी के तहखाना में पूजा-पाठ करने का अधि‍कार दे द‍िया है। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "हिंदू पक्ष को 'व्यास का तहखाना' में पूजा करने की इजाजत दी गई है। जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर व्यवस्था करनी होगी।" उन्‍होंने कहा क‍ि पूजा सात दिनों के भीतर शुरू होगी। सभी को पूजा करने का अधिकार होगा।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में फाइल करेंगे कैव‍िएट: व‍िष्‍णु शंकर जैन

विष्णु शंकर जैन ने कहा, "हम इलाहाबाद हाई कोर्ट में कैविएट फाइल करेंगे। अगर कोर्ट (Gyanvapi Case) इसकी सुनवाई करेगा तो हम वहां पर तैयार रहेंगे।" ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाना को जिलाधिकारी को सौंपने व उसमें पूजा-पाठ का अधिकारी देने की मांग को लेकर पं. सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्रपाठक की ओर से दाखिल मुकदमे में जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने मंगलवार को आदेश सुरक्षित रख लिया था।

प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व होने का था दावा

शैलेंद्र कुमार पाठक की ओर से बीते साल 25 सितंबर को वाद दाखिल कर दावा किया गया था कि ज्ञानवापी के दक्षिण की ओर से मौजूद इमारत में तहखाना है। यह प्राचीन मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास परिवार की मुख्य गद्दी है। इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि वंशानुगत आधार पर पुजारी व्यास जी ब्रिटिश शासनकाल में भी वहां काबिज थे और दिसंबर 1993 तक वहां पूजा-अर्चना की है। वहां हिंदू धर्म की पूजा से संबंधित सामग्री बहुत सी प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री वहां मौजूद हैं।