यूरोप में महका मध्यप्रदेश का महुआ, चाय, स्नेक्स बाजार में आए
By: Ramakant Shukla | Created At: 30 August 2023 08:07 AM
मध्यप्रदेश के महुआ ने यूरोप के बाजार में पहचान बना ली है। ओ-फारेस्ट कंपनी लंदन ने महुआ की चाय, पावडर, स्नेक्स बाजार में उतारे हैं। महुआ निब-भुना महुआ सहित अन्य उत्पाद काफी पसंद किए जा रहे हैं।
ग्राहकों की मांग को देखते हुए कंपनी ने मध्यप्रदेश से दो सौ टन महुआ खरीदने का समझौता किया है। इसका लाभ प्रदेश के जनजातीय परिवारों को मिलेगा। भविष्य में उन्हें महुआ के अधिक दाम मिलेंगे।

मध्यप्रदेश के महुआ ने यूरोप के बाजार में पहचान बना ली है। ओ-फारेस्ट कंपनी लंदन ने महुआ की चाय, पावडर, स्नेक्स बाजार में उतारे हैं। महुआ निब-भुना महुआ सहित अन्य उत्पाद काफी पसंद किए जा रहे हैं।
ग्राहकों की मांग को देखते हुए कंपनी ने मध्यप्रदेश से दो सौ टन महुआ खरीदने का समझौता किया है। इसका लाभ प्रदेश के जनजातीय परिवारों को मिलेगा। भविष्य में उन्हें महुआ के अधिक दाम मिलेंगे।
मप्र सरकार ने बनाई नीति
बता दें कि राज्य सरकार ने महुआ फूल से बनी मदिरा को हेरिटेज वाइन के रूप में प्रस्तुत करने के लिए नीति बनाई है। सरकार ने महुआ सहित अन्य वनोपज का समर्थन मूल्य तय किया है। इसके बाद से महुआ सफाई से तोड़ा जाने लगा है, इससे उसकी अच्छा क्वालिटी मिलने लगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में महुआ ने बनाई जगह
दो साल पहले करीब 32 क्विंटल महुआ लंदन (यूके) भेजा गया था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में महुआ ने जगह बना ली है। प्रदेश में 35 रुपये प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर जनजातीय परिवारों से महुआ खरीदा जा रहा था, पर यूरोप में महुआ की खपत होने से इन परिवारों को 100 और 110 रुपये प्रति किलो के दाम मिलने लगे हैं।
महुआ से बने खाद्य पदार्थों के प्रति रुचि बढ़ी
कंपनी की सह संस्थापक मीरा शाह बताती हैं कि लाखों लोग एक से दूसरे देश आते-जाते हैं। वे अन्य देशों की खान-पान संस्कृति से भी परिचित होना चाहते हैं। इस प्रकार मध्य प्रदेश के महुआ से बने खाद्य पदार्थों के प्रति रुचि बढ़ रही है। वे कहती हैं कि यूके में जनसंख्या की विविधता है इसलिए दुनिया के हर देश का व्यंजन और खाद्य पदार्थ यहां मिल जाता है।
मध्यप्रदेश महुआ समृद्ध राज्य
मध्य प्रदेश में महुआ बहुतायत में होता है। एक मौसम में करीब सात लाख 55 हजार क्विंटल तक मिल जाता है। पूरी तरह महुआ फूल से लदा एक पेड़ 100 किलो तक महुआ देता है। करीब तीन लाख 77 हजार परिवार महुआ बीनकर अपना घर-परिवार चलाते हैं। एक परिवार कम से कम तीन पेड़ों से महुआ बीनता है। साल में औसतन दो क्विंटल तक महुआ बीन लेता है। कुल महुआ संग्रहण का 50 प्रतिशत उमरिया, अलीराजपुर, सीधी, सिंगरौली, डिंडौरी, मंडला, शहडोल और बैतूल जिलों से होता है।