Rajasthan Election 2023: कौन बनेगा मुख्यमंत्री? राजस्थान के सियासी प्रश्न का सचिन पायलट ने दिया ये जवाब
By: payal trivedi | Created At: 31 October 2023 04:38 PM
राजस्थान की सियासत में कांग्रेस की अंदरूनी कलह के लिए एक कड़ी की तौर पर पहचाने जाने वाले सचिन पायलट अब सब पुरानी बातें भुला चुके हैं।

Jaipur: राजस्थान की सियासत में कांग्रेस की अंदरूनी कलह के लिए एक कड़ी की तौर पर पहचाने जाने वाले सचिन पायलट अब सब पुरानी बातें भुला चुके हैं। पायलट चुनावी मैदान में हैं और टोंक से पर्चा दाखिल करने के लिए अपने समर्थकों के कुनबे के साथ जा रहे हैं। इसी दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ 2020 के बाद तल्ख हुए रिश्तों पर इशारों-इशारों में टिप्पणी की है। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के दखल के बाद उनके और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तल्ख रिश्तों में आई नरमी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनसे राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि सब भूल जाओ और आगे बढ़ो।
सचिन पायलट ने दिया ये जवाब
सचिन पायलट की मानें तो वो इसी निर्देश का पालन कर के आगे बढ़ रहे हैं। इसी के साथ सचिन पायलट ने इशारों-इशारों में राजस्थान की सियासत में यक्ष प्रश्न बने उस सवाल का जवाब भी दिया, जिसने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही परेशान किया हुआ है। ये सवाल है कि पार्टी का सीएम पद का चेहरा कौन है? पायलट ने नामांकन से पहले इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विधायक ही जीतने के बाद तय करते हैं कि पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा। पायलट का कहना है कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपने काम के आधार पर ही जनता के बीच जा रही है। इस जवाब को बारीकी से टटोला जाए तो इसमें चुनावी नतीजों के बाद पायलट बनाम गहलोत की जंग फिर से छिड़ने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। हालांकि ये चुनाव के बाद की बात है।
सचिन पायलट टोंक विधानसभा से भरेंगे नामांकन
फिलहाल सूबे में विधानसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया का दौर चल रहा है और सचिन पायलट इसी चुनावी रस्म को निभाने की प्रक्रिया में हैं। टोंक विधानसभा सीट से नामांकन भरने जा रहे सचिन पायलट ने फिर से सूबे में कांग्रेस पार्टी बनने का दावा किया है। इसी दावे के साथ-साथ पायलट ने बीजेपी और केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया है। उन्होंने राजस्थान में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर हमला बोला और कहा कि इस तरह की छापेमारी से नेताओं को डराया जा रहा है, लेकिन वो हरगिज भी डरने वाले नहीं हैं।