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जातिवार गणना से ओबीसी मतदाताओं को साधने में जुटी कांग्रेस

By: Ramakant Shukla | Created At: 09 November 2023 11:01 AM


मध्यप्रदेश में सत्ता के समीकरण साधने के लिए कांग्रेस जातिवार गणना के मुद्दे को हवा देने में जुट गई है। पार्टी ने अपने ओबीसी नेताओं को जिम्मा दिया है कि वे यह बात लोगों को समझाएं कि जातिवार गणना उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण है और इसका लाभ क्या होगा। बिहार का उदाहरण भी सामने रखें ताकि बात प्रामाणिक हो। दरअसल, प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ओबीसी निर्णायक भूमिका में हैं। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार 64 ओबीसी प्रत्याशी उतारे हैं।

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मध्यप्रदेश में सत्ता के समीकरण साधने के लिए कांग्रेस जातिवार गणना के मुद्दे को हवा देने में जुट गई है। पार्टी ने अपने ओबीसी नेताओं को जिम्मा दिया है कि वे यह बात लोगों को समझाएं कि जातिवार गणना उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण है और इसका लाभ क्या होगा। बिहार का उदाहरण भी सामने रखें ताकि बात प्रामाणिक हो। दरअसल, प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ओबीसी निर्णायक भूमिका में हैं। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार 64 ओबीसी प्रत्याशी उतारे हैं।

कांग्रेस ने दी गारंटी

कांग्रेस ने सरकार बनने पर जातिवार गणना कराने की गारंटी दी है। इसके पीछे उद्देश्य प्रदेश के ओबीसी मतदाताओं को साधने का है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का दांव चला था। कमल नाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का संशोधन भी कर दिया था, यद्यपि यह अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हो पाया है।

इसलिये भेजा राजमणि पटेल को

ओबीसी से आने वाले राजमणि पटेल को राज्यसभा भी विंध्य क्षेत्र के ओबीसी मतदाताओं को संदेश देने के लिए भेजा गया था। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस का पिछले विधानसभा चुनाव में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन विंध्य अंचल में ही रहा था। इस बार यह स्थिति न बने इसलिए सिहावल से विधायक और पार्टी प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल को आगे बढ़ाया गया है।

सिद्धार्थ कुशवाहा को बनाया अध्यक्ष

सतना से विधायक और प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा को पार्टी के ओबीसी विभाग का अध्यक्ष बनाकर पूरे समाज को संदेश देने का काम किया है। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल भी ओबीसी से आती हैं। प्रदेश कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष पवन पटेल को ओबीसी बहुल क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार का दायित्व दिया है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और मोर्चा-प्रकोष्ठों के प्रभारी जेपी धनोपिया का कहना है कि जातिवार गणना हमारी प्रमुख गारंटियों में शामिल हैं। यह क्रांतिकारी कदम है, जिससे ओबीसी की स्थिति का आकलन होगा और उसके आधार पर कार्ययोजना बनेगी।

कांग्रेस को ओबीसी विरोधी बता रही भाजपा

उधर, भाजपा भी कांग्रेस को ओबीसी विरोधी बताकर घेराबंदी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर सभी वरिष्ठ नेता जातिवार गणना को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। यह आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में एक भी ओबीसी मुख्यमंत्री नहीं दिया। 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ यदि ओबीसी को नहीं मिला तो इसका कारण भी कांग्रेस है क्योंकि अधिनियम में ऐसा संशोधन किया जो कोर्ट में टिक ही नहीं सका। नगरीय निकाय चुनाव में भी ओबीसी आरक्षण के लाभ से वंचित करने का प्रयास किया। जबकि, भाजपा सरकार के प्रयासों के कारण केवल तीन भर्ती परीक्षाओं को छोड़ दें तो सबमें ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला। पार्टी ने 66 ओबीसी प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।