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Loksabha Election: राजस्थान के बांसवाड़ा से अर्जुन बामनिया होंगे कांग्रेस के उम्मीदवार, इन तीन पार्टियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला

By: payal trivedi | Created At: 04 April 2024 08:12 AM


कांग्रेस ने बांसवाड़ा सीट पर उम्मीदवार को लेकर फैसला कर लिया है। यहां प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस ने अर्जुन बामनिया का नाम फाइनल किया है।

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Jaipur: कांग्रेस ने बांसवाड़ा सीट पर उम्मीदवार (Loksabha Election) को लेकर फैसला कर लिया है। यहां प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस ने अर्जुन बामनिया का नाम फाइनल किया है। बामनिया का मुकाबला भाजपा के महेंद्रजीत सिंह मालवीया और भारतीय आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत से होगा। तीन दमदार प्रत्याशियों की वजह से इस सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय होगा। 2019 के लोकसभा चुनावों में भी इस सीट पर कांग्रेस, बीजेपी और बीटीपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था, इस मुकाबले में बीजेपी के कनकमल कटारा ने चार लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी।

कांग्रेस ने बांसवाड़ा सीट पर सीधा सिंबल भेजा

कांग्रेस ने बांसवाड़ा सीट पर उम्मीदवार के नाम की आधिकारिक घोषणा करने की जगह सीधा सिंबल भेज दिया। कांग्रेस हाईकमान ने बांसवाड़ा के कांग्रेस नेताओं से चर्चा के बाद उम्मीदवार उतारने का फैसला किया और अर्जुन बामनिया के नाम का सिंबल भेज दिया। अर्जुन बामनिया कुछ देर में नामांकन करेंगे।

प्रदेश की सभी 25 सीटों पर उम्मीदवार आमने-सामने

कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन और समय (Loksabha Election) सीमा खत्म होने से कुछ घंटे पहले बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। विधायक अर्जुन बामणिया को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने यहां कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए महेंद्र जीत सिंह मालवीया को उम्मीदवार बनाया है। बीएपी से विधायक राजकुमार रौत मैदान में हैं। अब प्रदेश की सभी 25 सीटों पर उम्मीदवार आमने सामने हो गए हैं।

बीएपी गुजरात और मध्यप्रदेश में भी मांग रही थी सीटें

पहले कांग्रेस की बीएपी से गठबंधन की चर्चा थी, लेकिन बात नहीं बनी। बीएपी गुजरात और मध्यप्रदेश में भी सीटें मांग रही थीं, इस वजह से आखिरी वक्त तक मामला लटका रहा। बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर बीजेपी ने इस बार सिटिंग एमपी कनकमल कटारा का टिकट काटकर कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए महेंद्रजीत सिंह मालवीया को दिया है।

कांग्रेस ने दो सीट पर किया गठबंधन

इस सीट पर पिछली बार बीटीपी और अब बीएपी तेजी से उभरी है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना था कि बीएपी से गठबंधन होने पर वे मिलकर बीजेपी को हरा सकते हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेता गठबंधन का विरोध कर रहे थे। कांग्रेस इस बार सीकर सीट सीपीएम के साथ और नागौर सीट आरएलपी के साथ गठबंधन में लड़ रही है।