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Hanuman Beniwal ने भजनलाल सरकार के मुख्य सचिव के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- 'वे लगातार आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं'

By: payal trivedi | Created At: 30 May 2024 05:51 AM


हनुमान बेनीवाल ने सीएम भजनलाल सरकार के मुख्य सचिव सुधांश पंत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बेनीवाल ने सुधांश पंत के कार्यशैली को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं।

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Jaipur: हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने सीएम भजनलाल सरकार के मुख्य सचिव सुधांश पंत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बेनीवाल ने सुधांश पंत के कार्यशैली को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं। इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि वह लगातार आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। बेनीवाल का कहना है कि मुख्य सचिव सुधांश पंत इन दिनों राजस्थान में समानांतर सरकार चला रहे हैं। बता दें सुधांश पत पर राजस्थान में चुनाव के दौरान भी कई मुद्दों पर आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लगाए गए थे।

बेनिवाल ने X पर किया पोस्ट

हनुमान बेनीवाल ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है। जिसमें उन्होंने सुधांश पंत को लेकर कई सवाल किये हैं। उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि राजस्थान में मुख्य सचिव से कैबिनेट मंत्रियों को मिलने के लिए अप्वाइंटमेंट लेने पड़ रहे हैं। जबकि नियमों के तहत कैबिनेट मंत्री मुख्य सचिव को तलब कर सकता है। लेकिन इसके उलट मंत्री सचिव के चैंबर के बाहर धक्के खा रहे हैं।

बेनिवाल ने क्या लिखा?

राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश में समानांतर सरकार चलाना लोकतांत्रिक व्यवस्था का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। आचार संहिता प्रभावी होने के बावजूद मुख्य सचिव के स्तर से ऐसे कई नीतिगत निर्णय लिए जा रहे हैं, जिनकी अनुमति निर्वाचन विभाग से नहीं ली जा रही है। बाड़मेर और जोधपुर लोक सभा क्षेत्र में मतदान से पहले मुख्य सचिव का दौरा आचार संहिता का उलंघन था। जो इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण था की राजस्थान के मुख्य सचिव को भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन की कोई परवाह नहीं है।

मुख्य सचिव को लेकर कही ये बात

राज्य सरकार अपनी विफलता (Hanuman Beniwal) और अकर्मण्यता को छुपाने के लिए मुख्य सचिव को आगे कर बैठी और इसका फायदा उठाकर मुख्य सचिव खुद के प्रोटोकॉल को चुनाव आयोग के नियमों और मुख्यमंत्री से ऊपर मानकर बैठ गए। जबकि तय नियमों के अनुसार एक विधायक का प्रोटोकॉल मुख्य सचिव से बड़ा होता है। मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री अपने कक्ष में जनता के कार्यों के लिए मुख्य सचिव को तलब कर सकते है। लेकिन राजस्थान में कैबिनेट मंत्री खुद मुख्य सचिव से मिलने के लिए सीएस के चैंबर के बाहर धक्के खा रहे हैं और मुख्य सचिव से मिलने का समय मांग रहे हैं। राजस्थान के मुख्य सचिव उच्च अधिकारियों की बैठक लेकर (एसओएम) उन पर खुद के द्वारा तय किए गए निर्णय थोपते हैं। मैं समझता हूं इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकता है।

निर्वाचन आयोग से की ये अपील

मेरी भारत निर्वाचन आयोग से अपील है की राजस्थान में मुख्यमंत्री स्तर से लेकर सरकार के मंत्रियों और मुख्य सचिव के द्वारा आचार संहिता प्रभावी होने के बाद लिए गए और थोपे गए ऐसे निर्णयों/आदेशों की समीक्षा करें। जो आचार संहिता की उल्लंघन की श्रेणी में आता है। क्योंकि राजस्थान का निर्वाचन विभाग तो राजस्थान के मुख्य सचिव के सामने असहाय नजर आ रहा है।