चेक के माध्यम से मुआवजा तथा एक माह का भुगतान किए जाने के कारण श्रम न्यायालय द्वारा कर्मचारी के बर्खास्ती का आदेश निरस्त किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने अपने आदेश में कहा है कि बर्खास्ती आदेश के साथ कर्मचारी को भुगतान किए जाने का प्रावधान है। भुगतान चेक व नगद दोनों रूप में किया जा सकता है। एकलपीठ ने श्रम न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया।
एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 एफ के तहत बर्खास्ती आदेश के साथ कर्मचारी को वेतन व मुआवजा का भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह नहीं कहा है कि भुगतान नगद किया जाए। एकलपीठ ने चेक द्वारा किए गए भुगतान को वैधानिक मानते हुए श्रम न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया।