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बागियों की मान मनौव्वल में जुटी पार्टियां, नाम वापस लेने का आज अंतिम दिन

By: Ramakant Shukla | Created At: 02 November 2023 11:16 AM


विधानसभा चुनाव में नाम वापस लेने का आज अंतिम दिन है। प्रत्याशी दोपहर तीन बजे तक नाम वापस ले सकते हैं। इसके बाद ही मुकाबले की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों का दावा है कि उनके वरिष्ठ नेताओं ने बागियों से चर्चा कर ली है और नाम वापस लेने के लिए उन्हें मना लिया है। हालांकि दोपहर बाद ही स्पष्ट होगा कि पार्टियों के दावे की वास्तविकता क्या है।

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विधानसभा चुनाव में नाम वापस लेने का आज अंतिम दिन है। प्रत्याशी दोपहर तीन बजे तक नाम वापस ले सकते हैं। इसके बाद ही मुकाबले की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों का दावा है कि उनके वरिष्ठ नेताओं ने बागियों से चर्चा कर ली है और नाम वापस लेने के लिए उन्हें मना लिया है। हालांकि दोपहर बाद ही स्पष्ट होगा कि पार्टियों के दावे की वास्तविकता क्या है।

प्रत्याशी दोपहर तीन बजे तक नाम वापस ले सकते हैं।

इंदौर में बगावत के हिसाब से देखें तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बागियों से परेशान हैं। इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से कम से कम दो सीटें ऐसी हैं जहां बागी परिणाम को सीधे-सीधे प्रभावित कर सकते हैं। ये दोनों सीटें ग्रामीण क्षेत्र की हैं। देपालपुर में बागी प्रत्याशी की वजह से भाजपा की चिंता बढ़ी हुई है तो महू में बागी प्रत्याशी ने कांग्रेस को चिंता में डाल रखा है।

दमदार तरीके से कर रहे हैं सामना

देपालपुर और महू दोनों ही जगह बागी प्रत्याशी पूरे दमखम से मैदान में डटे हुए हैं। हालांकि दोनों ही राजनीतिक पार्टियां दावा कर रही हैं कि गुरुवार दोपहर तीन बजे से पहले बागी प्रत्याशी अपना नाम वापस ले लेंगे। देपालपुर में जबरेश्वर सेना के राजेंद्र चौधरी मैदान पकड़े बैठे हैं तो महू में पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार। चौधरी देपालपुर में भाजपा प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं तो महू में दरबार कांग्रेस प्रत्याशी को। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो देपालपुर में कांग्रेस के विशाल पटेल ने भाजपा के मनोज पटेल को 9044 मतों से पराजित किया था। इसी तरह महू में भाजपा की उषा ठाकुर को महज 7157 मतों से जीत हासिल हुई थी। यानी दोनों ही ग्रामीण सीटों पर हारजीत का अंतर दस हजार से कम है। ऐसी स्थिति में अगर गुरुवार दोपहर तीन बजे तक दोनों सीटों पर दम भर रहे बागी अगर नाम वापस लेने को तैयार नहीं हुए तो पार्टियों की परेशानी बढ़ना तय है।