डीएमके के कोषाध्यक्ष और सांसद टीआर बालू ने तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को एक नोट जारी कर उन्हें राजनीतिक करियर में सोच-समझकर कदम उठाने की सलाह दी है। टीआर बालू की ये प्रतिक्रिया उदयनिधि स्टालिन के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी।
उदयनिधि स्टालिन को किया आगाह
सोमवार (18 सितंबर) को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बालू ने कहा कि पूरा देश डीएमके यूथ विंग के अध्यक्ष से डरा हुआ है। सोच रहा है कि वो आगे क्या करेंगे। इस बात पर जोर देते हुए कि वो सिर्फ अपने पिता से डरते हैं डीएमके नेता ने आगे कहा, “वो ये सोचकर कुछ भी बोले रहे हैं कि वो बाद में संभाल लेंगे लेकिन मैं उन्हें आगाह करना चाहता हूं कि ये उनकी जिम्मेदारी है कि जिस चीज को उन्होंने अपने हाथों में पकड़ा हुआ है वो नीचे गिरनी और टूटनी नहीं चाहिए।”
बयानों से सावधान रहने की भी दी चेतावनी
टीआर बालू ने ये कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया गुट के नेताओं ने शुरू में उदयनिधि की टिप्पणी पर मीडिया की विकृत रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिक्रिया दी लेकिन बाद में जब सटीक मीडिया रिपोर्ट दिखाई गई तो वे शांत हो गए। उन्होंने उदयनिधि को अपने बयानों से सावधान रहने की चेतावनी भी दी। टीआर बालू का मानना है कि उदयनिधि के बयानों को जलन की वजह से तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
डेंगू मलेरिया से की सनातन धर्म की तुलना
इस महीने की शुरुआत में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने इसे खत्म करने की बात करते हुए सनातन धर्म की तुलना "मलेरिया" और "डेंगू" से की थी। डीएमके मंत्री ने तर्क दिया था कि सनातन धर्म जाति व्यवस्था और भेदभाव पर आधारित है। मंत्री ने कहा, "सनातन का विरोध करने के बजाय, इसे खत्म किया जाना चाहिए। सनातन नाम संस्कृत से है। ये सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।
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