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2018 में सीएम पद नहीं मिलने पर Sachin Pilot बोले- फैसला मुझसे बात करके हुआ, 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक होती तो अच्छा होता

By: payal trivedi | Created At: 10 May 2024 04:19 AM


कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का विधानसभा चुनावों में नुकसान से इनकार करते हुए कहा है कि अब तक सरकार में रहते हुए कभी 51 तो कभी 21 सीटें आती थीं, लेकिन इस बार कांग्रेस के 71 विधायक हैं।

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Jaipur: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का विधानसभा चुनावों में नुकसान से इनकार करते हुए कहा है कि अब तक सरकार में रहते हुए कभी 51 तो कभी 21 सीटें आती थीं, लेकिन इस बार कांग्रेस के 71 विधायक हैं। 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी, वह बैठक हो जाती तो अच्छा रहता।

'यह पार्टी का फैसला था'

2018 में सीएम पद नहीं मिलने के सवाल पर पायलट ने कहा- यह पार्टी का फैसला था। 2018 का फैसला मेरे से बात करके किया था। किस्मत में जो लिखा है, उसे कोई छीन नहीं सकता है। जो नहीं है, उसे कोई दे नहीं सकता। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में पायलट ने कहा- अब हम विपक्ष में हैं, सब भुलाकर काम करने की जरूरत है, किसने क्या छोटा मोटा क्या बोला इसे भूलकर आगे बढ़कर काम करने की जरूरत है। खींचतान और सियासी उठापटक का कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में नुकसान होने के सवाल पर पायलट ने कहा- पुरानी हिस्ट्री देख लीजिए, जब हम सत्ता में थे तो एक बार 51 सीट आई, फिर 21 सीट आई। इस बार राजस्थान में हमारे 71 विधायक हैं। यह अलग बात है कि हम सरकार रिपीट नहीं कर पाए।

'कोई कड़वाहट नहीं है, इससे कोई नुकसान नहीं हुआ'

हम सामूहिक रूप से एक साथ मिलकर चुनाव लड़े थे। कोई कड़वाहट नहीं है, इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। कुछ मुद्दों पर अलग राय हो सकती है। हमारा मकसद सरकार बनाना था। हम मिलकर चुनाव लड़े थे। पहले जहां सत्ता में रहते हुए 21 सीटें आती थीं, इस बार हमारे 71 विधायक हैं। पायलट ने कहा- चार महीने से राज्य में बीजेपी सरकार है, बीजेपी की सरकार जनता पर कोई छाप नहीं छोड़ पाई है। राजस्थान में हमारे बीजेपी से अच्छे उम्मीदवार हैं।

सियासी संकट के समय वापसी पर क्या बोले पायलट?

सियासी संकट के समय वापसी पर पायलट ने कहा- जो हुआ, सबके सामने हुआ। पार्टी ने कमेटी बनाई, जो मुद्दे थे, उन्हें कमेटी ने लिया। मंत्रिमंडल में फेरबदल किया। हाईकमान ने हमारी बातों को सुना। विधायकों की राय जानने के लिए ऑब्जर्वर भेजे, 25 सितंबर 2022 को दुर्भाग्य से विधायक दल की बैठक नहीं हो पाई थी। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन जयपुर आए थे। विधायक दल की बैठक ही नहीं हो पाई। उस बैठक का पता नहीं क्या रिजल्ट निकलकर आता? पर अच्छा होता कि एक बार मीटिंग हो जाती। पायलट ने कहा- राजस्थान में जनता के भ्रष्टाचार के मुद्दे थे, जिन पर पार्टी ने एक्शन लिया। मंत्रिपरिषद में कोई दलित मंत्री नहीं था। मैंने कहा था कि यह गलत है, इसके बाद बदलाव हुए। पायलट ने कहा- हमने फिर से सरकार रिपीट करने के लिए जो मुद‌्दे उठाए, बाद में सब चीजों का समाधान हुआ। हमने चुनाव के लिए मिलकर मेहनत की।

हम जो काम करेंगे वो ही रिजल्ट मिलेगा

सियासी संकट के वक्त गहलोत सरकार पर फोन टेप करने के गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा के बयान के सवाल पर पायलट ने कहा- नेतृत्व परिवर्तन और सत्ता परिवर्तन दो अलग-अलग बातें हैं। उस समय हमारे कुछ मुद्दे थे। हम चाह रहे थे कि उन मुद्दों में सरकार को कोर्स करेक्शन करने की जरूरत है। सरकार में कुछ बदलने की बातें थीं। पार्टी के सामने हमने बातों को रखा, बात सुनी गई और फिर सरकार और पार्टी स्तर पर बदलाव हुए। हम जो काम करेंगे वो ही रिजल्ट मिलेगा। हमने कहा था कि पर्सेप्शन बदलने के लिए सरकार में कुछ बदलावों की जरूरत है। राजनीति में किसी ने कोई बयान दिया, किसी ने आरोप लगाए, यह चलता रहता है।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाने के फैसले पर कही ये बात

पायलट (Sachin Pilot) ने कहा- दिसंबर 2013 में जब मुझे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाने का फैसला हुआ, तब हमारे 21 विधायक थे। राज्य में वसुंधरा राजे की सरकार बन गई थीं। नरेंद्र मोदी पीएम बन गए थे। उस वक्त लोग कहते थे कि राजस्थान में 10 साल कांग्रेस राज में नहीं आने वाली। सचिन पायलट को अध्यक्ष बनाकर भ्रूण हत्या कर दी। मैंने पीसीसी की फोर्ड एन्डेवर निकाली और 5 लाख किलोमीटर से ज्यादा घूमा। अकेले नहीं, सबको साथ लिया। पांच साल बाद सरकार बनाई। यह अलग बात है कि हम सरकार रिपीट नहीं कर पाए।

काम करता हूं तो पार्टी जिम्मेदारी देती है

पायलट ने कहा- ताली दो हाथ से बजती है। अगर मैं ही सारे पद लेकर बैठा रहूं। कोई काम नहीं करूं तो मैं कितना पद पर रह पाऊंगा। मैंने हर पद की जिम्मेदारी को मेहनत और निष्ठा से निभाते हुए परिणाम दिए हैं। यह दो तरफा मामला है। मैं काम करता हूं तो पार्टी जिम्मेदारी देती है।