बोर्ड एग्जाम का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। एमपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी हैं। इस बार बोर्ड एग्जाम के नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं, जो स्टूडेंट्स को जानना जरूरी है। इसके अलावा परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए भी कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।
जानें क्या है नए नियम?
बोर्ड परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से माध्यमिक शिक्षा मंडल ने परीक्षा के नियमों में अहम बदलाव किए हैं। इस बार परीक्षार्थियों को ओएमआर सीट भी दी जाएगी, ऐसा एमपी बोर्ड की परीक्षा में पहली बार किया जा रहा है। नई गाइडलाइन के मुताबिक बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं में एक बारकोड लगाया जाएगा। हर बार जहां मूल कॉपी के अलावा एक्स्ट्रा कॉपी लेने की सुविधा होती थी, वहीं इस बार छात्र अलग से सप्लीमेंट्री कॉपी नहीं ले सकेंगे।
इतने पेज की मिलेगी कॉपी
परीक्षा में विद्यार्थियों को दो तरह की उत्तर पुस्तिकाएं मिलेंगी। नई गाइडलाइन के मुताबिक वोकेशनल और संस्कृत विषय के लिए 20 पेज की कॉपी दी जाएगी। वहीं प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए 10वीं के विद्यार्थियों को 8 पेज और 12वीं के विद्यार्थियों को 12 पन्नों की उत्तर पुस्तिका दी जाएगी। गणित विषय में 32 पन्नों की ग्राफ कॉपी दी जाएगी। बता दें कि इस बार सप्लीमेंट्री कॉपी नहीं दी जाएगी।
बारकोड लगने से होगा ये फायदा
बोर्ड एग्जाम में कई बार गड़बड़ी सामने आती है। यही वजह है कि परीक्षा की पद्धति और प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए गए हैं। उत्तर पुस्तिका में रोल नंबर और नाम लिखने की वजह से कॉपी चेकिंग के दौरान गड़बड़ी की संभावना रहती है। यही वजह कि इस बार कॉपी के ऊपर बार कोड लगाया जाएगा।
नकल पर अंकुश?
नकल पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी जिला शिक्षाधिकारी की रहेगी। प्रश्नपत्रों की गोपनीयता की जिम्मेदारी भी जिला शिक्षा अधिकारी की होगी। परीक्षा केंद्र के आस पास कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति प्रवेश न करे इसके लिए 100 मीटर के दायरे में बेरिकेड अथवा चूने की लाइन लगाकर चिन्हित किया जाएगा। पेपर लीक होने से बचाने के लिए भी कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।
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