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जनसंख्या की इतनी ही चिंता थी तो कानून क्यों नहीं बनाया - राशिद अल्वी

By: Durgesh Vishwakarma | Created At: 10 May 2024 04:49 AM


प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की ओर से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि, 1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी कम हुई है। वहीं, मुसलमानों की आबादी में 43.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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इस समय देश में चुनावी माहौल चल रहा है। चुनाव में देश की राजनीतिक पार्टियों के नेता खूब एक-दूसरे पर निशाना दाग रहे हैं। इसी बीच देश में मुसलमानों की आबादी में बढ़ोतरी और हिंदुओं की आबादी में गिरावट को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। इस मुद्दे को लेकर अब राजनीति भी जमकर हो रही हैं। वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी की प्रतिक्रिया सामने आई है।

जनसंख्या के बारे में सारा डेटा इंटरनेट पर मौजूद है

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, जनसंख्या के बारे में सारा डेटा इंटरनेट पर मौजूद है, ये कोई नया सर्वे नहीं है। अल्वी ने आगे सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी पर प्रहार करते हुए कहा कि, जब इलेक्शन हो रहा है तो उसको जानबूझकर हिंदू-मुस्लिम करने के लिए ये डाटा पब्लिक किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, सच्चाई ये है कि, 1992 में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर एक औरत एवरेज 4.4 बच्चे पैदा करती थी, जो कि, 2015 में घटकर 2.6 हो गया।

गरीब लोगों के ज्यादा बच्चे होते हैं

अल्वी ने अपने बयान में आगे कहा कि, हिंदू औरत 1992 में एवरेज 3.3 बच्चे पैदा करती थीं, जो 2015 में घटकर 2.1 हो गई, यानी कि, 0.5 प्रतिशत का फर्क है। कांग्रेस नेता ने कहा कि, यह मसला हिंदू मुसलमान का है ही नहीं। पूरे देश में एक सर्वे करा लीजिए, गरीब लोगों के ज्यादा बच्चे होते हैं। जो पढ़-लिख जाते हैं, उनके बच्चों की संख्या कम हो जाती है, इसलिए यह हिंदू-मुस्लिम की समस्या नहीं है। राशिद अल्वी ने कहा कि, पीएम मोदी को अगर जनसंख्या वृद्धि की इतनी ही चिंता थी तो 10 साल से वह सत्ता में हैं, उन्होंने इसको लेकर कोई कानून क्यों नहीं बनाया, क्योंकि, हर चुनाव में उन्हें इसे मुद्दा बनाना है।

पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद ने जारी की थी रिपोर्ट

दरअसल, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की ओर से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि, 1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की आबादी 7.82 फीसदी कम हुई है। वहीं, मुसलमानों की आबादी में 43.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि, भारत के पड़ोसी हिंदू बहुल देश नेपाल में भी हिंदुओं की जनसंख्या में कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट के सामने आने के बाद मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है और बयानबाजी का दौर जारी है।