बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर से मुश्किल में पड़ सकते हैं। दरअसल कांग्रेस कैलाश विजयवर्गीय के नामांकन को लेकर हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। इस मामले में कैलाश विजयवर्गीय पर दो मामलों को छुपाने का आरोप लगा है। उन्होंने जब नामांकन दाखिल किया और उसमें अपने ऊपर चल रहे आरोपों की जानकारी दी तो बताया जा रहा है कि उन्होंने दो आरोप छुपा लिए। हालांकि इधर कैलाश विजयवर्गीय ने मामले में सफाई पेश की। उनका कहना है कि अब कहां किसे याद रहता है कि उस पर कितने केस दर्ज हैं।
विजयवर्गीय ने छुपाई दो लंबित मामलों की जानकारी
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के नामांकन को लेकर कांग्रेस ने हाई कोर्ट का रुख करने का फैसला किया है। इस मामले में कैलाश विजयवर्गीय का नामांकन स्वीकार करने वाले रिटर्निंग अधिकारी को लेकर भी कांग्रेस हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त से इस मामले की शिकायत करने की बात कही है और कांग्रेस का कहना है कि दो लंबित मामलों की जानकारी कैलाश विजयवर्गीय ने छुपाई है।
नामांकन रद्द करने के लिए की शिकायत
इधर इंदौर में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता चरण सिंह सपरा ने कहा कि इंदौर एक के कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने चुनाव आयोग को एक शिकायत सौंपी है। शिकायत में यह मांग की गई है कि झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के लिए विजयवर्गीय का नामांकन रद्द किया जाए।
कांग्रेस ने दो प्रकरणों को छुपाने का लगाया आरोप
कैलाश विजयवर्गीय पर चुनावी शपथ पत्र में दो प्रकरणों का उल्लेख नहीं करने का आरोप लगाया गया है। इन दोनों मामलों में से एक मामला पश्चिम बंगाल में सामूहिक बलात्कार की शिकायत से जुड़ा है तो उधर दूसरा छत्तीसगढ़ अदालत द्वारा जारी स्थाई वर्णन से संबंधित है। बीते मंगलवार को रिटर्निंग अधिकारी ने नामांकन की जांच करते हुए इन्हें पास कर दिया था। जब बंगाल के मामले के बारे में कैलाश विजयवर्गी से पूछा गया तो उनका कहना था कि किसे याद रहता है कि उसे पर कितने केस हैं। इधर छत्तीसगढ़ के मामले में भी उनका जवाब सामने आया और उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कोई समन नहीं मिला है।
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