अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि उन्होंने हमास के साथ समझौते के लिए नया इजराइली प्रस्ताव पेश किया है. उनके मुताबिक ये प्रस्ताव सभी बंधकों को वापस लाने, इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित करना, गाजा को बिना हमास के फिर से बनाने और फिलिस्तीन विवाद के समझौते के लिए मंच तैयार करेगा. लेकिन इस प्रस्ताव से नेतन्याहू खुश नजर नहीं आ रहे हैं.
इस प्रस्ताव के बाद नेतन्याहू के ऑफिस ने अपने बयान में कहा है, “युद्ध खत्म करने की इजराइल की शर्त में कोई बदलाव नहीं आया है.” इजराइल का कहना है कि हमास के खात्मे के बिना वे गाजा युद्ध को खत्म नहीं करेगा. लेकिन गाजा युद्ध को लंबा खींचना इजराइल को अंतरराष्ट्रीय दुनिया से अकेला कर रहा है. हर बीते दिन कोई एक देश इजराइल के खिलाफ कदम उठा रहा है.
क्यों युद्ध विराम पर राजी नहीं नेतन्याहू?
इजराइल की राजनीति में कई दक्षिणपंथी गुटों का दबदबा है. इन गुटों के नेताओं ने इजराइल वॉर कैबिनेट में इस समझौते को न मानने की अपील की है. नेतन्याहू अगर इस प्रस्ताव को मान लेते हैं तो उनका सत्ता में बने रहना मुश्किल हो सकता है.नेतन्याहू के सामने एक और परेशानी खड़ी हो गई है, गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन का आगाज नेतन्याहू ने हमास के खात्मे की कसम से किया था. लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी हमास को खत्म करने में इजराइल सेना नाकाम रही है और न ही बंधकों को रिहा करवा पाई है.