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मंदिर कोई पर्यटक स्थल नहीं है, मंदिरों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर HC ने लगाई रोक

By: Durgesh Vishwakarma | Created At: 31 January 2024 07:17 AM


मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के हिंदू धर्म और धमार्थ बंदोबस्ती विभाग को सभी हिंदू मंदिरों में बोर्ड लगाने का निर्देश दिया हैं।

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मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के हिंदू धर्म और धमार्थ बंदोबस्ती विभाग को सभी हिंदू मंदिरों में बोर्ड लगाने का निर्देश दिया हैं। जानकारी के अनुसार, इस आदेश में लिखा है कि, गैर-हिंदुओं को मंदिरों में ‘कोडिमारम’ यानी ध्वजस्तंभ क्षेत्र से आगे जाने की अनुमति नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि, हिंदुओं को भी अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने का पूर्ण अधिकार है। आपको बता दें कि, मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ की न्यायमूर्ति एस श्रीमति ने डी. सेंथिल कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया हैं।

मंदिरों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर HC ने लगाई रोक

आपको बता दें कि, सेंथिल कुमार ने प्रतिवादियों को अरुल्मिगु पलानी धनदायुतपानी स्वामी मंदिर और उसके उप मंदिरों में केवल हिंदुओं को जाने की अनुमति का निर्देश देने का अनुरोध किया था। साथ ही उन्होंने मंदिरों के सभी प्रवेश द्वार पर इस संबंध में बोर्ड भी लगवाने का निर्देश का अनुरोध किया था। भगवान मुरुगन मंदिर दिंडीगुल जिले के पलानी में स्थित है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए प्रतिवादियों को मंदिरों के प्रवेश द्वार, ध्वजस्तंभ के समीप और मंदिर में प्रमुख स्थानों पर बोर्ड लगाने के निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि, इस पर गैर-हिंदुओं को मंदिर के भीतर कोडिमारम के आगे जाने की अनुमति नहीं है, लिखा हो।

मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है - HC

मद्रास हाईकोर्ट ने आगे कहा कि, यदि कोई गैर-हिंदू किसी मंदिर में जाता है, तो अधिकारियों को उस व्यक्ति से एक शपथ पत्र लेना होगा कि, उसे देवता में विश्वास है। वह हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों और प्रथाओं का पालन करेगा और मंदिर के रीति-रिवाजों का भी पालन करेगा। इसके साथ ही मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ की न्यायमूर्ति एस श्रीमति ने फैसला सुनाया कि, ऐसे उपक्रमों को मंदिर अधिकारियों द्वारा बनाए गए रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।