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स्मार्ट सिटी करवा रही है इंदौर में पेड़ों की गणना, हर पेड़ की सेहत पर रखेंगे नजर

By: TISHA GUPTA | Created At: 01 February 2024 09:50 AM


इंदौर स्मार्ट सिटी ने पेड़ों की गिनती शुरू कर दी है। अब तक 4.5 लाख पेड़ों की गिनती की जा चुकी है। यह पांच वर्षीय कार्यक्रम वृक्षारोपण कटाई और छंटाई, उनके रखरखाव, नियमित निगरानी और सभी पेड़ों की जियो-टैगिंग पर फोकस करेगा। अवैध कटाई को रोका जाना इसका मुख्य मकसद है। 50 वर्ष से अधिक पुराने पेड़ों को हेरिटेज श्रेणी में रखा गया है। पेड़ों की देखभाल और रखरखाव के लिए 5-वर्षीय कार्य योजना बनाई गई है।

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इंदौर स्मार्ट सिटी ने पेड़ों की गिनती शुरू कर दी है। अब तक 4.5 लाख पेड़ों की गिनती की जा चुकी है। यह पांच वर्षीय कार्यक्रम वृक्षारोपण कटाई और छंटाई, उनके रखरखाव, नियमित निगरानी और सभी पेड़ों की जियो-टैगिंग पर फोकस करेगा। अवैध कटाई को रोका जाना इसका मुख्य मकसद है। 50 वर्ष से अधिक पुराने पेड़ों को हेरिटेज श्रेणी में रखा गया है। पेड़ों की देखभाल और रखरखाव के लिए 5-वर्षीय कार्य योजना बनाई गई है।

4.5 लाख पेड़ों में से 2.5 लाख पेड़ निजी भूमि पर

अब तक लगभग 4.5 लाख पेड़ों की गिनती की जा चुकी है और अनुमान है कि शहर में विभिन्न किस्मों के 10 लाख से अधिक पेड़ मौजूद हैं। इन 4.5 लाख पेड़ों में से 2.5 लाख पेड़ निजी भूमि पर हैं। वहीं 75 हजार से अधिक पेड़ सरकारी और 30 हजार से अधिक सड़क पर हैं। जबकि शेष पेड़ सड़कों, फुटपाथों और अन्य स्थानों पर हैं। जिन पेड़ों की मैपिंग की गई है उनमें तीन लाख से ज्यादा पेड़ शामिल हैं। इनमें देशी, जिनमें नीम, आम, पीपल और अन्य श्रेणियां शामिल हैं, जबकि विदेशी प्रजातियों के लगभग 1.5 लाख पेड़ भी पाए गए हैं।

इंदौर में विभिन्न क्षेत्रों में लगे पेड़ों को किया जा रहा चिन्हित

विभिन्न क्षेत्रों में लगे पेड़ों को भी चिन्हित किया जा रहा है और उनका समुचित रिकार्ड भी रखा जाएगा। साथ ही शहर में ऐसे स्थानों की भी पहचान की जा रही है, जहां पौधे लगाए जा सकें। ऐसे पेड़ जिनकी उम्र 50 से अधिक है उन्हें हेरिटेज श्रेणी में रखा गया है। जानकारी में सामने आया कि एक लाख से अधिक पेड़ ऐसे हैं जिनकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर सहित अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जबकि लगभग इतने ही पेड़ों का उपयोग सजावट के लिए किया जाता है।

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