H

Lok Sabha 2024: 10 वर्षों बाद लोकसभा को मिलेगा नेता प्रतिपक्ष, जानें इतने सालों से क्यों खाली रहा यह पद

By: payal trivedi | Created At: 10 June 2024 07:55 AM


18वीं लोकसभा में विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के सदस्यों की संख्या बढ़ने के साथ निचले सदन को 10 साल बाद विपक्ष का नेता मिलने वाला है।

bannerAds Img
New Delhi: 18वीं लोकसभा में विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए (Lok Sabha 2024) के सदस्यों की संख्या बढ़ने के साथ निचले सदन को 10 साल बाद विपक्ष का नेता मिलने वाला है। विपक्षी नेताओं को यह भी उम्मीद है कि जल्द ही लोकसभा उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। यह पद पिछले पांच वर्षों से खाली था। 17वीं लोकसभा को अपने पूरे कार्यकाल में डिप्टी स्पीकर नहीं मिला था। इसके अलावा निचले सदन का यह लगातार दूसरा कार्यकाल था, जिसमें कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं था। सभी की निगाहें निचले सदन पर टिकी हैं, जिसे एक नेता विपक्ष मिलेगा और एक डिप्टी स्पीकर होने की भी उम्मीद है।

लोकसभा उपाध्यक्ष भी बनेंगे इस बार

डिप्टी स्पीकर का पद आमतौर पर विपक्षी खेमे को जाता है। हालांकि, आइएनडीआइए ने संसद के लिए अपनी रणनीति पर अभी तक कोई समन्वय बैठक नहीं की है, लेकिन एक विपक्षी नेता ने कहा कि वे इस बात के लिए दबाव बनाएंगे कि इस बार लोकसभा उपाध्यक्ष का पद खाली न रहे। तृणमूल के एक नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कोई डिप्टी स्पीकर नहीं चुना। उम्मीद है कि इस बार डिप्टी स्पीकर का चुनाव करेंगे।

इस वजह से खाली रहा पद

बता दें कि लोकसभा में पिछले 10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें और 2019 में 52 सीटें मिली थीं। भाजपा के बाद सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस को ही मिली थीं। फिर भी कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी नहीं मिली थी। नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए किसी भी पार्टी के पास लोकसभा की कुल सीटों का 10 प्रतिशत सीटें होनी चाहिए। यानी 543 सीटों में से 54 सांसदों की जरूरत होती है। 17वीं लोकसभा में सिर्फ दो सीटों के चलते यह पद खाली रह गया। कांग्रेस ने इस बार अपने दम पर 99 सीटें हासिल की हैं। ऐसे में कांग्रेस सांसद को इस पर बार विपक्ष का नेता बनने का मौका मिलेगा।

क्या काम है नेता प्रतिपक्ष का

नेता प्रतिपक्ष का पद लोकतंत्र (Lok Sabha 2024) के लिए काफी अहम होता है। नेता प्रतिपक्ष को संसद में आधिकारिक मान्यता प्राप्त होती है। नेता प्रतिपक्ष संसद में विपक्ष का चेहरा होने के साथ-साथ कई अहम कमेटियों में वो शामिल होते हैं। सीबीआई-ईडी और केंद्रीय जांच एजेसियों के निदेशकों को चुनने में भाग लेते हैं। प्रधानमंत्री के साथ नेता प्रतिपक्ष भी शामिल होते हैं। इस बार कांग्रेस के नेता इसके लिए राहुल गांधी का नाम आगे कर रहे हैं।