मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में 2000 बिस्तर अस्पताल का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, एक जमाना था जब मध्यप्रदेश बीमारू राज्य कहा जाता था आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था कई गुना तक बढ़ी है। हमने हर क्षेत्र में प्रगति की लेकिन हेल्थ और एजुकेशन की सुविधाएं थोड़ी कमतर थी। कोविड के दौरान एजुकेशन के लिए सीएम राइज की कल्पना जन्मी और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ने का भी संकल्प किया। डॉक्टर्स के बिना स्वस्थ समाज नहीं रह सकता। भोपाल गैस त्रासदी के समय भी हमीदिया और बाकी स्वरकारी अस्पताल ही काम आए। कोविड काल में भी हमीदिया और सरकारी अस्पतालों ने बड़ी भूमिका निभाई है।
सीट लीविंग बॉन्ड के नियमों को ठीक किया जायेगा
इसके साथ ही सीएम शिवराज ने कहा कि, सभी चिकित्सकों को dacp व्यवस्था लागू की जाएगी। 5,10और 15 साल का फॉर्मूला वेतन वृद्धि में लागू किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को 7th pay commission का लाभ 1 जनवरी 2016 से दिया जायेगा। Npa की गड़ना में जहां भी त्रुटि हुई है उन्हे सुधार करने के निर्देश। चिकित्सा शिक्षा विभाग के संविदा स्वस्थ कर्मियों को बाकी संविदा कर्मचारियों के समान ही सुविधाएं मिलेंगी। समान काम समान पेमेंट। सीट लीविंग बॉन्ड के नियमों को भी ठीक किया जायेगा। नर्सिंग होम के परिवर्तन शुल्क को 15 से हटाकर 5 परसेंट तक घटेगा।
डॉक्टर्स को भगवान समझा जाता
मुख्यमंत्री शिवराज ने कार्यक्रम में आगे कहा कि, हमारे यहां कहा जाता है शरीर स्वस्थ्य रहे इससे बड़ा और कोई सुख नहीं हो सकता। हमारे समाज में डॉक्टर्स को भगवान समझा जाता है। भोपाल गैस त्रासदी में हमीदिया अस्पताल की बड़ी भूमिका थी। संक्रमण के दौर में भी सरकारी अस्पतालों की भूमिका अद्भुत थी।
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