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पहली बार चंबल नदी के पानी की होगी जांच, क्या खूबियां और क्या कमियां

By: Sanjay Purohit | Created At: 02 June 2024 07:06 AM


पहली बार चंबल नदी के पानी की जांच की जाएगी। चंबल के पानी में क्या खूबियां और क्या कमियां हैं, इसका पता लगाया जाएगा।

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चंबल नदी मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत की सबसे स्वच्छ नदियों में शुमार है। लेकिन चंबल का पानी कितना स्वच्छ है, यह इंसानों के पीने लायक है भी या नहीं? चंबल के पानी में क्या खूबियां और क्या कमियां हैं? यह तकनीकी तौर पर किसी को नहीं पता। यह पता लगाने के लिए पहली बार चंबल के पानी की जांच होगी।

राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल सेंक्चुरी और भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) अगले महीने से यह जांच शुरू करने वाले हैं। इसके लिए अत्याधुनिक यंत्र व मशीनें लाई जा रही हैं। चंबल नदी के पानी की जांच के नाम पर राजघाट क्षेत्र में कभी-कभी पानी के सैंपल लेकर जांच होती रही है। लेकिन राष्ट्रीय घड़ियाल सेंक्चुरी की जद में आने वाले चंबल नदी के 495 किलोमीटर के हिस्से के पानी की गुणवत्ता जांच पहली बार होने जा रही है।

इसके लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान के रिसर्चर एवं विशेषज्ञ तीन दिन पहले चंबल घड़ियाल सेंक्चुरी के अफसरों से मिले हैं। पानी की जांच की प्लानिंग पर काम शुरू हो गया है और जून महीने के पहले सप्ताह से यह काम शुरू हो जाएगा। सेंक्चुरी प्रशासन के अनुसार, 12 से 15 दिन तक सैंपल लेने और साथ ही साथ पानी की जांच का काम चलेगा। जांच परिणाम आने के बाद चंबल के पानी में पाई जाने वाली कमियों को दूर कर नदी को स्वच्छ बनाने के काम शुरू होंगे। चंबल का पानी आगामी साल में मुरैना, ग्वालियर में पेयजल सप्लाई में मिलेगा।