मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 नवंबर को उज्जैन संभाग के रतलाम में एक विशाल आमसभा को संबोधित करेंगे। इस आम सभा का मुख्य उद्देश्य है कि बीजेपी उज्जैन-इंदौर संभाग की अनुसूचित जनजाति वर्ग की सीटों पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ना चाहती है। शायद यह भी एक वजह है, जिसके चलते उज्जैन में होने वाली आमसभा का स्थान परिवर्तन करते हुए रतलाम में आयोजित किया जा रहा है।
उज्जैन संभाग में आमसभा को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी ने साल 2013 के विधानसभा चुनाव में धार्मिक नगरी उज्जैन में आमसभा को संबोधित किया था, उस समय पीएम मोदी की आमसभा से बीजेपी की लहर चारों तरफ फैल गई थी। इसका परिणाम यह सामने आया कि उज्जैन संभाग की 29 विधानसभा सीटों में से केवल एक सीट सुवासरा की तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी हरदीप सिंह डंग ने जीत दर्ज कराते हुए खाता खोला था। शेष सभी 28 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया था। इस बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन संभाग में आमसभा को संबोधित करने के लिए आ रहे हैं।
क्यों उज्जैन की जगह रतलाम में शिफ्ट की सभा?
प्रधानमंत्री मोदी की उज्जैन में 7 नवंबर को आमसभा प्रस्तावित थी। इसके लिए कार्तिक मेला ग्राउंड और नानाखेड़ा स्टेडियम का चयन भी कर लिया गया था। हालांकि बाद में आमसभा को उज्जैन की जगह परिवर्तित करते हुए रतलाम में आयोजित किया जा रहा है। इसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। उज्जैन-इंदौर संभाग की 66 विधानसभा सीटों में से 22 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। रतलाम अनुसूचित जनजाति की सीटों के बीच का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। रतलाम जिले में अनुसूचित जनजाति की सीट आरक्षित हैं। इसके अलावा रतलाम जिले से लगे धार जिले में भी अनुसूचित जनजाति की सीट आरक्षित हैं। इस बार अनुसूचित जनजाति की सीटों पर कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी भी अपनी नजर जमाए हुए हैं। इसी समीकरण के चलते शायद बीजेपी रतलाम में पीएम मोदी की सभा कर रही है।
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