एग्जिट पोल आने के बाद शहर में भी राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। जगह-जगह चर्चा का दौर चल रहा है। भाजपा-कांग्रेस कार्यालयों में भी नेताओं की आवाजाही और चर्चा होती रही। कोई एग्जिट पोल को सही बताने में लगा था तो कोई इसे गलत मान रहा था। सोशल मीडिया पर भी मी्स और रील्स वायरल होती रहीं।
कांग्रेस का कहना हैं कि एग्जिट पोल पर हमें भरोसा नहीं और एग्जिट पोल अडानी-अंबानी का खरीदा हुआ है। इंडिया गठबंधन 300 सीटों के साथ सरकार बनने जा रही है। एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं है। भाजपा का 400 पार का नारा खोखला है। एग्जिट पोल से गुमराह किया जा रहा है।
इंदौर में भाजपा के सामने कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं था। कांग्रेस ने नोटा का समर्थन किया था। कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने ऐन वक्त पर अपना नाम वापस लेकर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। इसके बाद शहर में लोकसभा चुनाव की रौनक नहीं दिखी। हालांकि शहरवासियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, जिससे मतदान प्रतिशत काफी अच्छा रहा।