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दिल्ली में कांग्रेस को 1 सीट, लोकसभा चुनाव को लेकर AAP का बड़ा ऐलान

By: Ramakant Shukla | Created At: 13 February 2024 09:48 AM


आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस पंजाब में अलग-अलग लड़ेंगी, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाला दल कुल 7 सीटों में से कांग्रेस को 1 सीट देने के लिए तैयार हुआ है। मंगलवार को इसकी पुष्टि आप के सांसद संदीप पाठक की ओर से की गई।

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आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस पंजाब में अलग-अलग लड़ेंगी, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाला दल कुल 7 सीटों में से कांग्रेस को 1 सीट देने के लिए तैयार हुआ है। मंगलवार को इसकी पुष्टि आप के सांसद संदीप पाठक की ओर से की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में आप 7 में से 6 सीटों पर खुद चुनावी ताल ठोंकेगी और सिर्फ 1 सीट पर वह कांग्रेस के चुनाव लड़ने के समर्थन में है। पाठक की ओर से इस दौरान यह भी कहा गया कि वे लोग गठबंधन धर्म निभाना चाहते हैं पर जिस तरह की देरी हो रही है वह बिल्कुल भी ठीक नहीं है।

गोवा-गुजरात में उम्मीदवार घोषित

आप सांसद पाठक ने कहा, गोवा में दो सीटें हैं। हम कांग्रेस के साथ गठबंधन को देखते हुए एक सीट पर उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं। साउथ गोवा से वैंजी जो हमारे विधायक हैं, हम उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं। AAP नेता ने कहा, गुजरात में गठबंधन में हमारी 8 सीटें बनती हैं। इसे देखते हुए हम गुजरात के भरूच से चैतर बसावा और भावनगर से उमेश भाई मखवाना को उम्मीदवार घोषित कर रहे है। हमें लगता है कि कांग्रेस इस मांग पर समर्थन करेगी। संदीप पाठक ने कहा, दिल्ली में हमारी सरकार है और नगर निगम में भी हमारी सरकार है। अब इस हिसाब से देखा जाए तो दिल्ली में हमारी 6 सीटें बनती है। इसलिये हम 6 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते है कांग्रेस को 1 सीट देने को तैयार है।

आप ने कांग्रेस पर साधा निशाना

संदीप पाठक ने कहा, इंडिया गठबंधन जब घोषित हुआ था, उस वक्त देश में उत्साह था. गठबंधन का उद्देश्य सभी विपक्षी घटक दलों को एकसाथ आकर खुद का हित ना देखते हुये देश का हित देखते हुये इसके लिये काम करे. हम भी इसलिए इसमें शामिल हुए थे. इसका उद्देश्य चुनाव लड़ना और चुनाव जीतना है। इसके लिए समय पर कैंडिडेट घोषित करना, प्रचार-प्रसार पर काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा, हमारी कांग्रेस के साथ दो बार मीटिंग हुई। लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकला। इसके बाद पिछले 1 महीने में एक भी मीटिंग नहीं हुई. पहले न्याय यात्रा वजह बतायी गयी. औेर इसके बाद कुछ नहीं बताया. कांग्रेस के किसी नेता को कोई आइडिया नहीं कि कब मीटिंग होगी। आज भारी मन से बोलना पड़ रहा है।