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Rajasthan Politics: कन्हैया लाल मीणा ने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफा वाले बयान पर दी प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?

By: payal trivedi | Created At: 10 May 2024 05:40 AM


दौसा से भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा एक वैवाहिक समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। कन्हैयालाल मीणा ने डॉ. किरोडी लाल मीणा के इस्तीफा वाले बयान पर प्रतिक्रिया दिया।

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Dausa: दौसा से भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा एक वैवाहिक समारोह (Rajasthan Politics) में शिरकत करने पहुंचे थे। कन्हैयालाल मीणा ने डॉ. किरोडी लाल मीणा के इस्तीफा वाले बयान पर प्रतिक्रिया दिया। कन्हैयालाल मीणा ने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को मुख्यमंत्री बनने की पैरवी भी कर डाली। कन्हैया लाल मीणा ने कहा कि डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा को मेरी जीत का अंतर कम वोटों के साथ नजर आ रहा है, इसलिए डॉ. मीना ये बयान दे रहे हैं।

'मेरी जीत कम अंतर काम वोटो के साथ दिखाई दे रहा है'

कन्हैयालाल ने कहा, "दौसा में लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले और बाद मे बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने मेहंदीपुर बालाजी के नांदरी के गांव में महापंचायत के दौरान कहा था कि अगर दौसा लोकसभा सीट से भाजपा के कन्हैयालाल मीणा चुनाव नहीं जीते तो मैं उसी दिन मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। मेरी जीत कम अंतर काम वोटो के साथ दिखाई दे रहा है। जबकि, उन्होंने दौसा से मुझे लोकसभा चुनाव जीतने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं, जिसके चलते डॉ. किरोड़ी लाल मीणा आहत हैं कि इतनी मेहनत के बाद भी कन्हैयालाल मीना कम वोटों के साथ चुनाव जीतेगा।"

दौसा सीट पर कम होगा हार-जीत का अंतर

उधर कन्हैयालाल ने आगे कहा कि ज्यादा मतों के साथ मेरी जीत होनी चाहिए। दौसा लोकसभा सीट कम अंतर से जीतेंगे डॉ. किरोणी लाल मीणा को इसी का भय है।

"सचिन पायलट को कांग्रेस में नहीं मिली तवज्जो"

भाजपा प्रत्याशी कन्हैयालाल (Rajasthan Politics) ने सचिन पायलट को लेकर कहा कि पायलट ने कांग्रेस के लिए हमेशा काम करते रहते हैं। कांग्रेस में सचिन पायलट को जो तवज्जो मिलनी चाहिए थी वो तवज्जो आज तक नहीं मिली है। कांग्रेस के लोग भी जानते हैं और आमजन भी सारे समाज के लोग भी जानते हैं। पायलट की स्थिति को देखते हुए आमजन ने भाजपा को मतदान किया है।

दौसा की बांसुरी किसके हाथों में सजेगी 4 जून को होगा स्पष्ट

अब मतगणना से पहले नेताओं की यह सियासी बयानबाजी पर आने वाली 4 जून को ब्रेक लग जाएगा। जनता ने किसकी हार और किसकी जीत तय की है ये फैसला मत पेटियों में बंद है। दौसा की बांसुरी किसके हाथों में सजेगी 4 जून को यह भी स्पष्ट हो जाएगा।