संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा और 22 दिसंबर तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को ये जानकारी दी।
प्रह्लाद जोशी ने कहा, ''4 दिसंबर से 22 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में 15 बैठकें होगी। अमृत काल के बीच सत्र के दौरान विधायी कामकाज और अन्य विषयों पर चर्चा का इंतजार है."
किन विधेयकों पर हो सकती है चर्चा
सत्र में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पर चर्चा होने की संभावना है। इस विधेयक के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का दर्जे को कैबिनेट सचिव के बराबर होने का प्रावधान है। फिलहाल उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर का दर्जा मिलता है।
इस विधेयक का विरोध करते हुए विपक्षी दल कह रहे हैं कि सरकार संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है। वहीं केंद्र सरकार इस आरोप को खारिज करती रही है।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगे पैसे लेकर प्रश्न पूछने’के आरोपों के मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट इस सत्र के दौरान सदन में पेश की जाएगी।
शीतकालीन सत्र आम तौर पर कब होता है?
शीतकालीन सत्र वैसे ज्यादातर समय नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू हो जाता है, लेकिन माना जा रहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण ऐसा नहीं हुआ।
ये सत्र ऐसे समय होगा जब कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव का परिणाम 3 दिसंबर को आ चुका होगा।
बता दें कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर को हुआ था। इस दौरान कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को मणिपुर हिंसा को लेकर घेरते हुए सदन के भीतर पीएम मोदी से बयान देने की मांग की थी।
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