आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। ताजा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज 30 अक्टूबर को मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
सुनवाई 6 से 8 महीने में पूरी करने का निर्देश
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में सिसोदिया की कथित भूमिका की सुनवाई 6 से 8 महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके बावजूद अगर सुनवाई धीमी गति से आगे बढ़ती है तो सिसोदिया फिर से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
26 फरवरी को हुए थे गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद मनीष सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी के मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बता दें कि आबकारी नीति से जुड़े घोटाला मामले में कथित भूमिका के लिए आप नेता को सीबीआई ने बीती 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह हिरासत में हैं। वहीं, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने सिसोदिया को 9 मार्च को आबकारी नीति घोटालो से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल से गिरफ्त में लिया था।
क्या था मामला
दरअसल, दिल्ली शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया फरवरी से ही जेल में हैं। 17 अक्टूबर को जब उनकी जमानत पर सुनवाई हुई, तो अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। पिछली सुनवाई में सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। फिर भी उन्हें आरोपी बनाया गया है। दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार होने वाले सिसोदिया इकलौते नेता नहीं हैं। हाल ही में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी ED ने गिरफ्तार किया था। उनके तार भी ईडी ने इस घोटाले से जोड़े थे। संजय सिंह भी अभी हिरासत में ही हैं। आम आदमी पार्टी ने अपने नेताओं पर लगे आरोपों को सिरे नकारा है।
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