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PM Kisan Yojana: हजारों किसानों को लग सकता है बड़ा झटका! केन्द्र सरकार ने शुरू की छानबीन

By: payal trivedi | Created At: 06 February 2024 11:00 AM


केंद्र सरकार साल 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत साल में तीन बार हर चार माह के बाद मौसमी खेती के लिए 2000 रुपये देने के लिए महत्वाकांक्षी योजना लेकर आयी।

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New Delhi: केंद्र सरकार साल 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Yojana) के तहत साल में तीन बार हर चार माह के बाद मौसमी खेती के लिए 2000 रुपये देने के लिए महत्वाकांक्षी योजना लेकर आयी। यानि एक किसान को साल भर में 6000 रुपये खेती के लिए मिलता है। शुरुवाती दौर में पंचायत स्तर पर बिना जांच किए आनन-फानन में किसान से आवेदन ले लिया गया। योजना को चालू कर दिया गया, लेकिन धीरे-धीरे इसमें छानबीन शुरू हो गई। स्थिति ये हो गई है कि इस योजना में साहिबगंज से 70 हजार किसान निबंधित किए गए, लेकिन 66753 किसान ही योग्य पाए गए, जिनके खाते में राशि जा रही है।

केन्द्र सरकार ने शुरू की छानबीन

केन्द्र सरकार ने और अधिक छानबीन किया और खाता व जमीन का अपडेट मांगा तो गलत किसान सामने आए, जिसमें 327 किसान ऐसे मिले जो आयकर दाता है। इनका राशि पर रोक लगी। ताजा अपडेट की बात करें तो पिछले साल अगस्त से नवंबर माह तक केंद्र सरकार ने 15वीं किस्त जारी किया, जिसमें 29,900 किसान को ही राशि मिली। बाकी अंचल स्तर से अप्रूव्ड नहीं हो सका या भेजे गए केंद्र से अप्रूव्ड नहीं हो पाया।

क्या है आंकड़ा

ताजा अपडेट की बात करें तो सोमवार तक जिला में 66753 किसान (PM Kisan Yojana) ही जो पीएम किसान के योजना के योग्य हैं, जिसमें 35485 किसान ने ई-केवाईसी प्रज्ञा केंद्र से कराया है। 37,713 किसान ने अंचल से लैंड सिडिंग कराया है, जिसका अंचल से अप्रूव्ड हो पाया है। बैंक से आधार सिडिंग कराने में 60,196 किसान सफल रहे हैं।अधिकारी की मानें तो एक किसान को तीनों रास्ता से गुजरकर पास होना होगा। कोई एक चीज में अटकने पर पैसा नहीं मिल सकेगा।

केंद्र सरकार ने वीएनओ से लेगी मदद

केंद्र सरकार ने पीएम किसान का लाभ अधिक से अधिक किसान को मिले इसके लिए कृषि विभाग की मदद से गांव गांव में एक एक वीएनओ (विलेज नोडल आफिसर) का चयन किया ताकि इनको प्रशिक्षण देकर सिंगल विंडो सिस्टम बहाल कर किसान को मदद पहुंचाने का काम करेंगे। केंद्र सरकार भी महसूस किया है कि किसान सीधे साधे होते है। ब्लाक, प्रज्ञा केंद्र व बैंक का चक्कर लगाने में परेशानी होती होगी। इसलिए, वीएनओ को बहला किया गया है, लेकिन अभी तक जिला से सूची भेजने के बाद भी कोई दिशा-निर्देश वीएनओ के लिए विभाग को प्राप्त नहीं हुई है।