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Rajasthan News: पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल बोले- मैं जिल्लत से बाहर आ गया हूं, इस राज के मालिक खुद को समझने लगे थे

By: payal trivedi | Created At: 22 March 2024 10:57 AM


भाजपा छोड़ कांग्रेस जॉइन करने वाले पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल अब भाजपा नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। वे बोले- कुछ लोग इस राज के मालिक खुद को समझने लगे थे।

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Jaipur: भाजपा छोड़ कांग्रेस जॉइन करने वाले पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल अब भाजपा नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। वे बोले- कुछ लोग इस राज के मालिक खुद को समझने लगे थे। मैं ये बर्दाश्त नहीं कर सकता और मैं इस जिल्लत से बाहर आया हूं। दरअसल, गुंजल कांग्रेस जॉइन करने के बाद गुरुवार रात कोटा पहुंचे थे। भाजपा छोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की मेहनत से राज आया है और अब बीजेपी में विचारधारा नहीं बची है। फोटो कोटा में गुंजल के आवास का है जहां शुक्रवार को कई कार्यकर्ता उनका स्वागत करने पहुंचे।

बीजेपी छोड़ने के सवाल पर क्या बोले गुंजल?

इधर, शुक्रवार सुबह से ही उनके आवास पर कार्यकर्ताओं की स्वागत के लिए भीड़ लगी रही। यहां जब उनसे बीजेपी छोड़ने को लेकर सवाल किया तो वो बोले-सारा शहर जानता है कि पिछले कई सालों से बीजेपी में किस तरह से मेरी उपेक्षा हो रही थी। पार्टी में व्यक्ति विशेष का कब्जा हो जाना और पार्टी की सारी व्यवस्था से किसी को अलग-थलग कर देना यह सही नही है। मैं मन मारकर विचारधारा के साथ खड़ा रहा। इस बार जबसे राज आया है, व्यवस्था बदली है कुछ लोग यह प्रदर्शित कर रहे हैं कि इस राज के मालिक सिर्फ है। वे बोले- आने वाले दिनों में कई सवालों के जवाब भी देने वाला हूं लेकिन इसके लिए इंतजार करना होगा।

कार्यकर्ताओं की मेहनत से आया था राज

गुंजल ने कहा कि- जो लोग यह दिखा रहे हैं कि इस राज के मालिक सिर्फ और सिर्फ वो हैं, उनको यह अंदाजा होना चाहिए कि राज लाखों कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर आया है। राज के मालिक बनने वालों को पता नहीं है कि पिछले राज में प्रहलाद गुंजल और हजारों कार्यकर्ताओं ने कितनी बार सड़क पर कांग्रेस के खिलाफ झंडा लेकर उतरे, सैकडों कार्यकर्ताओं पर आधा आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हुए है। कार्यकर्ताओं की इस कीमत पर राज आया है।

मैं जिल्लत से बाहर आ गया हूं

गुंजल बोले- कार्यकर्ताओं की मेहनत से यह राज आया है। कोई दिल्ली से कोटा सत्ता का आनंद भोगने वालों के बूते यह राज नहीं आया। जिस कार्यकर्ता के पसीने की कीमत को ठोकर मार दी जाए, यह मरी हुई आत्मा के लोग बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन मैं यह बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। मैं इस जिल्लत से बाहर आ गया हूं। चालीस साल तक बीजेपी की विचारधारा के साथ काम करने और अचानक इस बदलाव को लेकर गुंजल ने कहा कि पार्टी में अब विचारधारा बची ही नहीं है। विचार के प्रचार का बस प्रोपेगैंडा बचा है।

कार्यकर्ताओं की मेहनत से आया था राज

गुंजल ने कहा कि- जो लोग यह दिखा रहे हैं कि इस राज के मालिक सिर्फ और सिर्फ वो हैं, उनको यह अंदाजा होना चाहिए कि राज लाखों कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर आया है। राज के मालिक बनने वालों को पता नहीं है कि पिछले राज में प्रहलाद गुंजल और हजारों कार्यकर्ताओं ने कितनी बार सड़क पर कांग्रेस के खिलाफ झंडा लेकर उतरे, सैकडों कार्यकर्ताओं पर आधा आधा दर्जन मुकदमे दर्ज हुए है। कार्यकर्ताओं की इस कीमत पर राज आया है।

मैं जिल्लत से बाहर आ गया हूं

गुंजल बोले- कार्यकर्ताओं की मेहनत से यह राज आया है। कोई दिल्ली से कोटा सत्ता का आनंद भोगने वालों के बूते यह राज नहीं आया। जिस कार्यकर्ता के पसीने की कीमत को ठोकर मार दी जाए, यह मरी हुई आत्मा के लोग बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन मैं यह बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं। मैं इस जिल्लत से बाहर आ गया हूं। चालीस साल तक बीजेपी की विचारधारा के साथ काम करने और अचानक इस बदलाव को लेकर गुंजल ने कहा कि पार्टी में अब विचारधारा बची ही नहीं है। विचार के प्रचार का बस प्रोपेगैंडा बचा है।