नरेंद्र मोदी ने आज तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके बाद जे पी नड्डा, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, नितिन गड़करी ने भी गोपनीयता की शपथ ली। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अब केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई। मंत्री शिवराज इस चुनाव में 8,20,868 मतों से जीत हासिल कर सर्वाधिक वोट से जीतने वाले नेताओं में शामिल हुए। उन्होंने कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा को मात दी।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
मध्य प्रदेश की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव में सबसे बड़ा चेहरा हैं। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार शिवराज एमपी में 4 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह महज 13 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए और फिर लगातार कामयाबी हासिल करते रहे। वह सीएम बनने से पहले विदिशा लोकसभा सीट से 5 बार सांसद और इस बार भी उसी सीट से सांसद चुने गए। वह 6 बार विधायक भी रहे हैं। 5 मार्च 1959 को को जन्मे शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं। वह 1972 में 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़ गए।
सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड
शिवराज सिंह चौहान साल 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये। चौहान को 29 नवंबर 2005 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। चौहान को 10 दिसंबर 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसम्मति से नेता चुना। चौहान ने 12 दिसम्बर 2008 को भोपाल के जंबूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।
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शिवराज सिंह मध्यप्रदेश में सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। शिवराज ने 13 वर्ष 17 दिन का मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला है। 2018 में उन्होंने 15 महीने के बाद फिर से मुख्यमंत्री के पद शपथ ली। इसके अलावा मध्यप्रदेश मे सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम किया है। 23 मार्च को शिवराज जी ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके पहले ये रिकॉर्ड अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल के पास था। वह मध्य प्रदेश के तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 24 मार्च 2020 शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के विधायकों के समर्थन से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ चौथी बार ली।