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बधाई! आज पहले देशी भारतीय चीते का पहला जन्मदिन, देश में अब 27 हो गई चीतों की संख्या

By: Sanjay Purohit | Created At: 29 March 2024 06:11 AM


मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अब भारतीय चीतों की संख्या विदेशी चीतों से ज्यादा हो गई है। शुक्रवार को भारत की जमीन पर जन्मे पहले चीते का जन्म दिन मनाया जा रहा है.

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एक वक्त था जब भारत में चीते पूरी तरह से लुप्त हो गए थे। लेकिन 72 सालों बाद दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीते लाए गए और उन्हें मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में बसाया गया। यह सुखद खबर है कि अब भारतीय भूमि पर एक के बाद एक चीतों का जन्म हो रहा है। कूनो नेशनल पार्क में जन्मा चीता शुक्रवार को एक साल का हो गया। इसका जल्द नामकरण भी किया जाएगा। संभवतः केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव आज नामकरण भी कर सकते हैं। वहीं मध्यप्रदेश के कूनो में चीते का जन्म दिन मनाने की तैयारी की जा रही है।

देश में चीतों को फिर से बसाने की योजना के तहत दक्षिण अफ्रीका व नामीबिया से लाए गए चीतों को भारतीय हवा-पानी रास आने लगा है। अब भारत में जन्मे चीतों की संख्या विदेशी चीतों से ज्यादा हो गई है। वर्तमान में कूनो में जन्मे 14 शावक हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए चीतों की संख्या 13 है। कूनो में जन्मा पहला चीता शुक्रवार (29 मार्च) को एक साल का हो जाएगा। संभावना है कि शुक्रवार को वन मंत्री भूपेंद्र सिंह शावक का नामकरण करें। वहीं प्रोजेक्ट चीता के तहत कूनो में 20 चीते लाए गए थे, जिनमें से 7 की मौत हो गई और 13 जीवित हैं।

इस बीच तीन मादा चीताओं ने अब तक चार बार में 17 शावकों को जन्म दिया। उनमें 14 जीवित हैं। कूनो में अब कुल 27 चीते हो गए हैं। कूनो में 68 दिन की अवधि में तीन मादा चीताओं ने 13 शावकों को जन्म दिया है। इनमें नामीबिया की आशा ने 3 जनवरी 2024 को तीन, 23 जनवरी को नामीबिया की ही ज्वाला ने चार और 10 मार्च को दक्षिण अफ्रीका की गामिनी ने छह शावकों को जन्म दिया है।

बकरी का दूध पिलाकर बचाया

नामीबिया से लाई गई मादा ज्वाला ने नर पवन के साथ मेटिंग के बाद 29 मार्च, 2023 को चार शावकों को जन्म दिया था। मई में तीन की मौत हो गई। चौथे मादा शावक को अस्पताल में शिफ्ट किया। फूड सप्लीमेंट और बकरी का दूध पिलाकर उसका उपचार किया गया।