मध्यप्रदेश के 68 वें स्थापना दिवस पर मंत्रालय में होगी देश भक्ति गीतों की प्रस्तुति
By: Richa Gupta | Created At: 01 November 2023 10:40 AM
आज मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के 68 वें स्थापना दिवस पर राष्ट्र-गीत वंदे-मातरम, राष्ट्र-गान "जन गण मन" और मध्यप्रदेश गान का सामूहिक गायन 11 बजे मंत्रालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में होगा।

आज मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 1 नवम्बर को मनाया जाता है ये दिन। मध्यप्रदेश के 68 वें स्थापना दिवस पर राष्ट्र-गीत वंदे-मातरम, राष्ट्र-गान "जन गण मन" और मध्यप्रदेश गान का सामूहिक गायन 11 बजे मंत्रालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में होगा। इस मौके पर संस्कृति विभाग की टीम द्वारा देश भक्ति गीतों की प्रस्तुति भी दी जायेगी। इसमें मंत्रालय, सतपुड़ा एवं विंध्याचल भवन के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। आदर्श आचार संहिता के चलते कोई बड़ा आयोजन इस बार नहीं किया जा रहा है।
मंत्रालय में होने वाले कार्यक्रमों में ये अतिथि रहेंगे उपस्थित
प्रदेश में हर वर्ष स्थापना दिवस को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इस साल मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव के चलते आदर्श अचार संहिता लागू है। 17 नवम्बर को मतदान है, ऐसे में कोई बड़ा आयोजन इस बार प्रदेश में नहीं किया जायेगा। मंत्रालय में होने वाले कार्यक्रमों में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित रहेंगे।
सीएम शिवराज ने दी बधाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर सभी प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए कहा कि, मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के शुभअवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। कभी हम बीमारू थे, लेकिन आज सुचारू हैं। ये यात्रा निरंतर आगे बढ़ती रहेगी और वह समय दूर नहीं जब मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में देश का नम्बर 1 राज्य होगा।
1 नवंबर 1956 को नए राज्य मध्य प्रदेश को वजूद मिला
मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस 1 नवंबर को मनाया जाता है। राज्यों के पुनर्गठन के नतीजे में 1 नवंबर 1956 को नए राज्य मध्य प्रदेश को वजूद मिला। उस समय इसकी राजधानी नागपुर थी। केंद्रीय भारतीय एजेंसी से ही मध्य भारत विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य की स्थापना की गई। 1956 में मध्य भारत विंध्य प्रदेश और भोपाल को मध्य प्रदेश राज्य में शामिल किया गया। मराठी बोलने वाले दक्षिण क्षेत्र विदर्भ में नागपुर जोड़कर इसे बाम्बे राज्य में शामिल कर लिया गया। सबसे पहले जबलपुर को राज्य की राजधानी बनाया गया लेकिन कुछ कारणों की वजह से ऐसा नहीं हो सका और भोपाल को राजधानी बनाया गया।
राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र
2772 Sq Km में फैले भोपाल की कुल आबादी 23 लाख है। 614 गांव और 2 तहसील के अलावा भोपाल जिले के अंतर्गत कुल 7 विधानसभा हैं। आज ये शहर मध्य प्रदेश की ही नहीं राष्ट्रीय राजनीति का भी केंद्र बन चुका है। विकास की नई परिभाषाएं लिखते हुए भोपाल में आज वह हर बुनियादी सुविधा मौजूद है जिसकी जरूरत एक आम आदमी को बेहतर जिंदगी जीने के लिए होती है।