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Rajasthan Politics: बेटे वैभव गहलोत की हार के बाद पूर्व सीएम गहलोत की प्रतिक्रिया आई सामने, किया ये बड़ा खुलासा!

By: payal trivedi | Created At: 05 June 2024 07:38 AM


राजस्थान की जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी लुंबाराम ने कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत को 2 लाख 1 हजार 543 वोटों से हरा दिया है।

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Jaipur: राजस्थान की जालोर-सिरोही लोकसभा सीट (Rajasthan Politics) से भाजपा प्रत्याशी लुंबाराम ने कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत को 2 लाख 1 हजार 543 वोटों से हरा दिया है। बेटे की हार पर अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जालौर लोकसभा सीट पहले ही बदतर सीट थी, हमें पहले ही पता था कि वहां फाइट टफ है।

'जालोर पहले से ही बदतर सीट थी'

कांग्रेस नेता ने एक्स पर मीडिया को दिए एक इंटरव्यू का वीडिया शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा, 'वो पहले से ही बदतर सीट थी। उसका बॉर्डर गुजरात से लगता है। वहां के लोगों की भाषा गुजराती ही समझ सकते हैं. उस सीट को हम 20 साल से हार रहे हैं। देश में जारी तानाशाही जैसे हालात के बीच हमारे लिए लड़ना जरूरी था, फिर चाहे हम जीतें या हारें। इसी के चलते पार्टी ने बहुत सोच समझकर वैभव गहलोत को उस सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, क्योंकि पहले वे जोधपुर से चुनाव हार चुके थे। करण सिंह उचियाड़ा ने कड़ी टक्कर दी। हमें शुरू से मालूम था कि वहां बहुत टफ फाइट है। वहां के नेताओं ने भी इस बात से हमें आगाह भी किया था। लेकिन तब भी हमने मिलकर यह तय किया कि कोई न कोई तो लड़ेगा।'

'हौंसला कभी पस्त नहीं होना चाहिए'

पूर्व सीएम ने आगे कहा, 'ऐसे में वैभव गहलोत (Rajasthan Politics) ने सभी परिस्थितियों को समझकर इस जिम्मेदारी को कबूल किया। हमने अच्छा कैमेंन किया। जनता तक हमारी बात पहुंची है। पहली बार किसी लोकसभा क्षेत्र में अपना मेनिफेस्टो डिक्लेयर किया गया। ये सब अच्छे फैसले थे। मगर वहां फाइट टफ थी, जिस कारण हम वो सीट नहीं जीत पाए। हम मानते हैं कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है, पर हौंसला कभी भी पस्त नहीं होना चाहिए। अगर आपके दिल में सेवा का भाव है तो हार क्या और जीत क्या! लोकतंत्र में आपकी भूमिका तय है। सरकार में तो वो भूमिका है। विपक्ष में हैं तो वो भूमिका है। आज हम विपक्ष में हैं राजस्थान में तो हम जनहित में काम करेंगे।'

'जालौर-सिरोही मुश्किल सीट थी'

इससे पहले वैभव गहलोत ने अपनी हार पर इंटरव्यू में कहा था कि, 'चुनाव का परिणाम हम सभी के सामने है। जालौर-सिरोही लोकसभा मुश्किल सीट थी. पिछले 20 सालों से यहां पर कांग्रेस पार्टी यहां पर सीट नहीं जीत सकी। मगर पार्टी ने मुझे निर्देश दिया कि इस सीट से मुझे चुनाव लड़ना है। मैंने इस जिम्मेदारी को कबूल किया। इस सीट पर जिस तरह से और जिस मजबूती के साथ चुनाव लड़ा गया, मैं ये कह सकता हूं कि तमाम कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ताओं ने इसे लड़ा है। मैं उन सभी कांग्रेसजनों को सबसे पहले धन्यवाद देता हूं। साथ ही जो विजयी प्रत्याशी लुंबाराम को मैं मेरी शुभकामनाएं देता हूं, और उम्मीद करता हूं कि जिस तरह से जनता ने उन पर विश्वास किया है, आने वाले समय में वो इस क्षेत्र के विकास के लिए और इस क्षेत्र की जनता के लिए हमेशा काम करेंगे। उन्हें मेरी जहां भी जरूरत होगी, मैं निश्चित तौर पर क्षेत्र की जनता के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा।'