वन नेशन, वन इलेक्शन पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने दी प्रतिक्रिया, कहा- ये एकदम संभव नहीं...
By: Richa Gupta | Created At: 01 September 2023 02:23 PM
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ ने वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कमलनाथ ने कहा है कि ये एकदम से संभव नहीं है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ ने वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। कमलनाथ ने कहा है कि ये एकदम से संभव नहीं है। नीमच में प्रेस वार्ता के दौरान कमलनाथ ने कहा कि, ये आसान काम नहीं है, ये एकदम संभव भी नहीं है। सारी विधानसभा से पारित करवाना पड़ेगा। जिसमें बीजेपी शासित राज्य तो कर देंगे मगर दूसरे राज्यों में आसान नहीं होगा। वैसे देश में सब कुछ एक साथ हो तो ये अच्छा भी है।
राज्यों की अनुमति आवश्यक
कमलनाथ ने वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर कहा कि वन इलेक्शन के लिए राज्यों की अनुमति आवश्यक है। एक देश एक चुनाव यह संविधान संशोधन का विषय है। कहा कि इसमें केवल लोकसभा और राज्यसभा में पास होना पर्याप्त नहीं है, इसमें राज्यों की अनुमति भी आवश्यक होगी।
भविष्य के लिए उठाया जाने वाला सही फैसला
इस फैसले को बीजेपी के कई नेताओं ने देश के बेहतर भविष्य के लिए उठाया जाने वाला सही फैसला बताया है। वहीं इस दिशा में आगे बढ़ने को लेकर केंद्र की दलील है कि लॉ कमीशन ने रिपोर्ट में कहा जा चुका है कि देश में बार-बार चुनाव कराए जाने से सरकारी खजाने के पैसे और संसाधनों की जरूरत से ज्यादा बर्बादी होती है। संविधान के मौजूदा ढांचे के भीतर एक साथ चुनाव करना संभव नहीं है इसलिए हमने कुछ जरूरी संवैधानिक संशोधन करने के सुझाव दिए हैं। वहीं आयोग ने सुनिश्चित किया है कि संविधान में आमूलचूल संशोधन की जरूरत है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए।
वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए कमेटी का गठन
केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के नेतृत्व में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए एक कमेटी का गठन किया है। पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता में कमेटी कानून के सभी पहलुओं पर विचार करेगी और एक देश, एक चुनाव की संभावना का पता लगाएगी। कमेटी लोगों की राय भी लेगी। पैनल में और कौन शामिल होंगे, इस बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है। सदस्यों के बारे में अधिसूचना बाद में जारी की जाएगी। वन नेशन, वन इलेक्शन के विचार का मतलब देश में लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने से है।