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पांच दिन में वापस आ गए कमलनाथ के 'दोस्त' दीपक सक्सेना, नकुलनाथ के बने प्रस्तावक

By: Sanjay Purohit | Created At: 26 March 2024 07:04 AM


दीपक सक्सेना आज 26 मार्च को नकुलनाथ के नामांकन में प्रस्तावक की भूमिका में नजर आएंगे।

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पूर्व मंत्री एवं कमलनाथ के बेहद करीबी मित्र दीपक सक्सेना पांच दिन बाद फिर से कांग्रेस में आ गए। 21 मार्च को दीपक सक्सेना ने कांग्रेस में हो रही उपेक्षा से नाराज होकर प्रदेश कांग्रेस को इस्तीफा दे दिया था। दीपक सक्सेना आज 26 मार्च को नकुलनाथ के नामांकन में प्रस्तावक की भूमिका में नजर आएंगे। नकुलनाथ छिंदवाड़ा से कांग्रेस के उम्मीदवार बनाए गए हैं। माना जा रहा है कि कमलनाथ के आग्रह पर दीपक सक्सेना को भाजपा में जाने से पहले रोक लिया गया है।

कमलनाथ के वफादार, विश्वासपात्र, दोस्त माने जाने वाले दीपक सक्सेना ने 21 मार्च को अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। दीपक सक्सेना वो ही व्यक्ति हैं जिन्होंने 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अपनी सीट कमलनाथ के लिए खाली कर दी थी। दिग्विजय शासन काल में मंत्री भी रहे दीपक सक्सेना ने पिछले दिनों कांग्रेस में उपेक्षा के आरोप लगाए थे। तभी माना जा रहा था कि वे कांग्रेस छोड़ देंगे। छिंदवाड़ा के प्रभावशाली नेताओं में शामिल दीपक सक्सेना ने उनके बेटे को भाजपा में भेज दिया था। उनके बेटे ने भोपाल में सदस्यता ग्रहण कर ली थी। लेकिन, कमलनाथ के आग्रह के बाद दीपक सक्सेना रुक गए थे। अब वे पूरी तरह से कांग्रेस के साथ आ गए है। क्योंकि नकुलनाथ के प्रस्तावक की भूमिका में दीपक सक्सेना मंगलवार को शामिल हो रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय में नकुलनाथ के साथ दीपक सक्सेना भी नजर आने वाले हैं। इधर, छिंदवाड़ा में नामांकन से पहले बड़ी रैली निकाली जाने वाली है, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार भी शामिल हो रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष को भेजा था इस्तीफा

पूर्व मंत्री एवं कमलनाथ के विधायक प्रतिनिधि रहे दीपक सक्सेना ने 21 मार्च को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को इस्तीफा दे दिया था। दीपक सक्सेना ने लिखा था कि जीतू भाई मैं 1974 से कांग्रेस का सदस्य रहा हूं। सन 1990 से 7 बार विधानसभा चुनाव लड़ा और कॉआपरेटिव बैंक का अध्यक्ष रहा। दिग्विजय सिंह के साथ कांग्रेस कमेटी में सह सचिव पद पर भी रहा। मुझे किसान परिवार के छोटे व्यक्ति को जो दायित्व दिया गया था, उसके लिए मैं ऋणी रहूंगा।