क्या अब वामपंथी दल माकपा पर गिरेगी ईडी की गाज? एजेंसी ने पार्टी के 'गुप्त खातों' का लगा लिया पता
By: Sanjay Purohit | Created At: 01 April 2024 09:05 AM
माकपा मुश्किलों में फंस सकती है। प्रवर्तन निदेशालय ने केरल की सहकारी समिति के जरिए लोन फ्रॉड को उजागर किया और जांच रिपोर्ट निर्वाचन आयोग से लेकर केंद्र सरकार तक को दे दी है।
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नई दिल्ली: क्या अब वामपंथी दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी , CPI(M) कानूनी पचड़ों में फंसने वाली है? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने माकपा और उसके नेताओं के कथित 'अघोषित बैंक खातों' की मनी लॉन्ड्रिंग जांच की है। ईडी ने जांच में मिले सबूतों को केंद्रीय बैंक आरबीआई, केंद्रीय वित्त मंत्रालय और देश के निर्वाचन आयोग के साथ साझा किए हैं। एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये खाते कानून तोड़कर करुवनूर सर्विस कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में खोले गए थे। सोसाइटी और उसके सदस्य 150 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के लिए ईडी जांच का सामना कर रहे हैं।
माकपा के खिलाफ ईडी की जांच में क्या मिला?
ईडी ने आरोप लगाया कि सीपीआई(एम) के नाम पर 'पांच बैंक खाते खोले गए' ताकि पार्टी ऑफिस के लिए जमीन खरीदी जा सके और पार्टी फंड, लेवी आदि जमा किए जा सकें। ईडी ने चुनाव आयोग को जो पत्र लिखा है, उसके अनुसार, 'माकपा ने सोसाइटी की सदस्यता नहीं ली है लेकिन खाते खोल लिए। यह केरल सहकारी समितियां अधिनियम और बैंक के नियमों का उल्लंघन है।'
ईडी ने निर्वाचन आयोग से मांगी सलाह
ईडी ने 16 जनवरी को लिखे पत्र में चुनाव आयोग से यह वेरिफाई करने का आग्रह किया कि क्या सीपीआई(एम) ने 'वित्तीय मामलों की पूरी और सही जानकारी देने, चंदा लेने और फंड के उपयोग के संबंध में' निर्वाचन आयोग के और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन किया है। ईडी ने अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि बैंक की गवर्निंग बडी और मैनेजर ने बेनामी लोन बांटे, जिससे बैंक को 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।